Home देश-दुनिया जम्मू-कश्मीर में बिहारियों की हत्या के बाद बिहार में सियासत गर्म

जम्मू-कश्मीर में बिहारियों की हत्या के बाद बिहार में सियासत गर्म

पटना, 18 अक्टूबर (ऐजेंसी/अशोक एक्सप्रेस)। जम्मू-कश्मीर में पिछले एक पखवारे के अंदर आतंकियों द्वारा बिहार के चार लोगों की हत्या के बाद बिहार के लोग जहां गुस्से में हैं, वहीं इसे लेकर सियासत भी खूब तेज हो गई है। विपक्ष इसे लेकर सत्ता पक्ष पर निशाना साध रहा है, वहीं सत्ता पक्ष भी नसीहत दे रही है। बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने जम्मू कश्मीर में बिहार के लोगों की हत्या के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार को दोषी ठहराया है। उन्होंने कहा कि अगर आपकी सरकार ने पिछले 16 साल से किए जा रहे सुशासन के दावे के अनुरूप सचमुच रोजगार सृजन किया होता तो करोड़ों बिहारवासियों को प्रत्येक वर्ष पलायन नहीं करना पड़ता।

उन्होंने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए आगे कहा, दावा किया गया था कि धारा 370 हटने से आतंकवाद का घाटी से अंत हो जाएगा। आपकी पार्टी ने बिना सोचे समझे लिए गए इस कदम का देश के लिए ऐतिहासिक दिन बताकर समर्थन किया था। जब सब कुछ इतना सामान्य हो चुका था, तो क्यों आपकी सरकार में बैठे लोग दबी जुबान जम्मू कश्मीर जाकर रोजगार तलाशने के लिए श्रमिकों की ही आलोचना कर रहे हैं?

मृतक के परिजनों को बिहार सरकार द्वारा 2-2 लाख मुआवजा देने पर भी तेजस्वी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बिहारी की जान की कीमत 2 लाख रुपए लगा कर बिना कोई संवेदना प्रकट किए फिर सुषुप्त अवस्था में चले जाएंगे।

उन्होंने कहा, सर्पदंश और ठनके से मौत पर बिहार सरकार 4 लाख का मुआवजा देती है लेकिन सरकार की नाकामी के कारण पलायन कर रोजी-रोटी के लिए बाहर गए बिहारी श्रमवीरों को आतंकवादियों द्वारा मारे जाने पर 2 लाख रुपए देती है।

इधर, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने तो बिहार के लोगों को कश्मीर सौंप देने की बात कर रहे हैं। मांझी ने सोमवार को अपने अधिाकरिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा, कश्मीर में लगातार हमारे निहत्थे बिहारी भाईयों की हत्या की जा रहीं है, जिससे मन व्यथित है। अगर हालात में बदलाव नहीं हो पा रहें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और गृह मंत्री अमित शाह जी से आग्रह है, कश्मीर को सुधारने की जिम्मेवारी हम बिहारियों पर छोड दीजिए, 15 दिन में सुधार नहीं दिया तो कहिएगा।

इधर, भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री और प्रवक्ता डॉ. निखिल आनंद ने तेजस्वी यादव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि तेजस्वी राजनीतिक पत्थरबाज की भूमिका न निभायें और बतायें कि 370 धारा एवं 35ए को खत्म करने के विरोध में बयान देकर किसको खुश करना चाहते हैं? क्या पाकिस्तान, तालिबान और आतंकवादियों को खुश करना चाहते है?

उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की सरकार और सुरक्षा बल की आतंकवादियों के खात्मे के लिए जो कार्रवाई है और फिर कश्मीर में शांति बहाली के लिए प्रयास है, उसके खिलाफ तेजस्वी यादव बोल रहे हैं।

उन्होंने कहा, जाहिर तौर पर राजद की घटिया मानसिकता और राष्ट्रविरोधी भावना झलक रही है। ऐसा बयान देकर तेजस्वी जो धार्मिक तुष्टीकरण की राजनीति का संदेश देना चाहते हैं वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।

निखिल आनंद ने सलाह देते हुए कहा कि तेजस्वी कश्मीर में बिहार व पूर्वांचल के भाइयों की आतंकवादियों द्वारा नृशंस हत्या की घटना पर संवेदनशील प्रतिक्रिया व्यक्त करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Check Also

केदारनाथ धाम के कपाट 10 मई को खुलेंगे

उखीमठ, 08 मार्च (ऐजेंसी/अशोका एक्स्प्रेस)। उत्तराखंड में हिमालय की कंदराओं में स्थित 11वें…