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लेख - October 27, 2021

प्रधान सेवक जी जरूरत मन्द व पात्रता वाले रेल यात्रियो को रियायती टिकट सुविधा के लिए आखिर कब तक इंतजार करना पडेगा – खबरी लाल।

-विनोद तकिया वाला-

-: ऐजेंसी अशोक एक्सप्रेस :-

भारतीय रेल को आम नागरिको के जीवन का लाईफ लाईन कहा गया है। चाहे वह एक स्थान से दुसरे जगह पर रेल मार्ग से यात्रा का हो या माल वाहक रेलगाडी से सामान को एक जगह से दुसरे तक पहुँचाने का । रेल मार्ग सरल सुगम रास्ता व सशक्त माध्यम हमारा भारतीय रेल है।जहाँ एक ओर भारतीय रेलवे अपनी रेल यात्रियो की सेवा के लिए किसी परिचय का मोहताज नहीं है। वही दुसरी ओर भारतीय रेलवे ने अपनी नैतिक जिम्मेदारी के निर्वाहन करने में पीछे नही है। रेलवे नेअपने जरुरत मंद यात्रियो को रेलवे टिकट मे रियायत देने का प्रावधान किया है।जिसके तहत रेल यात्रा में वरिष्ठ नागरिकों,युद्ध में जान गंवाने वाले सैनिकों की विधवा,खिलाड़ियों, किसानों, मान्यता प्राप्त पत्रकारों, युवाओं आदि को बरसों से छूट मिल रही थी ,लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना के नाम पर रेल मंत्रालय ने यह छूट वापस ले ली। विगत सत्र के दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में बताया कि टिकट किराए में कुछ श्रेणियों के लोगों को दी जाने वाली छूट या रियायतों को बहाल करने का सरकार का कोई प्रस्ताव नहीं है। राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में वैष्णव ने कहा था कि कोविड के मद्देनजर सभी श्रेणियों के यात्रियों के लिए दी जाने वाली रियायत वापस ले ली गई है। ज्ञातव्य रहे कि कोरोना महामारी के भारत में विकराल रूप धारण करने से पहले ही विगत साल २० के मार्च महीने के अंतिम सप्ताह में देश भर में लॉकडाउन लगाया गया था। रेल मंत्रालय ने इससे ठीक पहले यानी 20 मार्च,20 से अगले आदेश तक के लिए छूट वापस ले ली गई थी। हालांकि दिव्यांगजनों की चार श्रेणियों, गंभीर बीमारियों के रोगियों और छात्रों की 11 श्रेणियों को अभी भी छूट मिल रही है। लेकिन इस रियायत के बारे में भी अधिकतर लोगों को पता नहीं है।भारतीय रेलवे के सभी ट्रेनों में सीनियर सिटीजन को टिकटों पर 50 फीसदी तक की छूट मिला करती थी। 60 वर्ष की उम्र पूरी कर चुके पुरूषों और 58 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को रेलवे सीनियर सिटीजन के रूप में परिभाषित करता है। कोरोना काल से पहले तक राजधानी, शताब्दी, दूरंतो समेत सभी मेल एक्सप्रेस ट्रेनों में पुरूषों को बेस किराये में 40 फीसदी जबकि महिलाओं को बेस किराये में 50 फीसदी की छूट दी जाती थी।
युद्ध में शहीद हुए सैनिकों ही नही सिर्फ युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की विधवाओं को ही नहीं बल्कि आतंकवादियों और उग्रवादियों के विरुद्ध कार्रवाई में शहीद हुए पुलिसकर्मियों और अर्द्धसेना के कार्मिकों की विधवाओं,आतंकवादियों,उग्रवादियों के विरुद्ध कार्रवाई में शहीद हुए पुलिस कर्मियों के विधवाओ,श्रीलंका में कार्रवाई के दौरान शहीद हुए,आई पी के एफ कार्मिकों की विधवाओ,आतंकवादियों और उग्रवादियों के विरुद्ध कार्रवाई में मारे गए सैन्य कार्मिकों की विधवाओं और 1999 में कारगिल में ऑपरेशन विजय के शहीदों की विधवाओं को सैकेंड क्लास और शयनयान श्रेणी में 75 फीसदी की छूट मिलती थी।
किसानों के लिए छूट का क्या प्रावधान है?कृषि/औद्योगिक प्रदर्शनियों में जाने के लिए किसान और औद्योगिक श्रमिक को सैकेंड क्लास और शयनयान श्रेणी में 25 फीसदी, सरकार द्वारा प्रायोजित विशेष गाड़ियों में यात्रा करने वाले किसानों को सैकेंड क्लास और शयनयान श्रेणी में 33 फीसदी, बेहतर फार्मिंग/डेयरी अध्ययन/ प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों का दौरा करने के लिए किसान एवं दुग्ध उत्पादकों को सैकेंड क्लास और शयनयान श्रेणी में 50 फीसदी की छूट मिलती थी।युवाओं की श्रेणी में किन्हें छूट मिलती थी? राष्ट्रीय युवा परियोजना, मानव उत्थान सेवा समिति के शिविर में हिस्सा लेने के लिए जाने वाले युवाओं को सैकेंड क्लास और शयनयान श्रेणी में 50 फीसदी, सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरी में इंटरव्यू के लिए जाने वाले बेरोजगार युवाओं को सैकेंड क्लास और शयनयान श्रेणी में 50 फीसदी की छूट मिलती थी। इसके अलावा स्काउटिंग ड्यूटी के लिए भारत स्काउट एवं गाइड्स के युवाओं को सैकेंड क्लास और शयनयान श्रेणी में 50 फीसदी की छूट मिलती थी। रेल मंत्रालय ने विशेष यात्रियो को मिलने वाली रियायत की सुविधा कोरोना महामारी संकट के नाम लम्बे अर्से से बंद कर रखी । इस संदर्भ मे जब केंद्र सरकार से कई वरिष्ट नागरिक संगठन ‘कई स्वयं सेवी संस्थाएं ‘ पत्रकार युनियनो की तरफ से रेल यात्रा के दौरान दी जाने वाली रियायती टिकट की बहाली की मांग उठ रही है।कई बार रेल मंत्रालय के उच्च अधिकारियो ‘ रेल मंत्री से इस संदर्भ जानकारी देने व वस्तु स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह कर ने पर एक घीसी – पीट्टी जबाब दिया जाता है कि अभी रियायते देने का कोई प्रस्ताव नही है कई बार पत्रकारो के द्वारा पूछे गये सबाल पर आला अधिकारी यो द्वारा यह कह कर पल्ला झाड दिया जाता है अभी फाइले पी एम ओ मे पडी है। इस संदर्भ हम कुछ नही कह सकते है
प्रधान मंत्री जी आप का एक लोक प्रिय नारा है ष् सबका साथ , सबका विकाश ‘ सभी का विश्वास ष् ऐसे मे क्या भारतीय रेलवे के वे जरूरत मन्द यात्रीयो जिन्हे एक लम्बे अर्से से रेल मंत्रालय हारा रियायती टिकट उपलब्ध कराने का प्रावधान है ‘(भारतीय आपदा प्रबन्धन )वेश्विक महामारी कोरोना संकट के नाम पर वापस लिये गये रियायत की सुविधा पुनः चालु किया जाय ‘
प्रधान सेवक जी इन दिनो कोरोना के केसो मे लगातार कमी आ रही है।केन्द्र सरकार आपाद प्रवन्धन अधिनियम के तहत धीरे धीरे पूर्व मे लगा ये गये प्रतिबन्धों में रियायत देने की घोषणाये कर रही है।वही राज्य सरकारे भी अपने यहाँ धीरे धीरे – छुट व रियायते दे रही है जिसके तहत स्कूल कालेज ‘ सरकारी – गैर सरकारी संस्था ‘ सिनेमा ‘ स्पा, म्युजिअम ‘ स्टेडियम धार्मिक स्थल ‘ जिम ‘राजनीतिक गतिविधियाँ ‘ जन सभाये आदि पुर्व भाँति प्रारम्भ हो गई।आगामी वर्ष पाँच राज्यो मे विधान सभा के चुनाव होने वाले हैं । इससे पहले कई स्थानीय निकाय के चुनाव भी होने वाली है। सबसे महत्वपूर्ण बात अभी त्योहार का मौसम है ‘ कई लोग अपने जीवन यापन के लिए अपने घर से बाहर महानगरो आते है जो अपने घरो मित्र परिवारो से मिलने जाते है जिसमें जररूत मंद रेल से यात्रा करते है। एक बात और ये कि अभी कुछ रेल गाडी के न० के आगे स्पेशल शब्द जोड कर गरीब जनता के जेब से मोटी रकम वसुली की जा रही है।
आपका ध्यान इस ओर आकर्षित करना चाहता हूं कि विगत दिनो
देश में 100 करोड़ वैक्सीन लगने की बडी खबर है ।यह बहुत बड़ी बात है और इसके लिए दिन-रात मेडिकल टीम ने, प्रसासनिक टीम ने कड़ी मेहनत है।इस सफलता के लिए सभी बधाई के पात्र है। लेकिन यहाँ आम जनता के मन मे सवाल भी उठाना स्वाभाविक है कि इसमे इतना समय क्यू लगा ‘ क्या इसके लिए भारत सरकार की टुल -मूल गलत नीतियों की वजह से देर क्यों हुई?जब कि हमारे यहाँ काफी ही पहले 2-2 वैक्सीन का उत्पादन व्यापक पैमाने पर शुरू हो गई थीं।भारत सरकार इस तथ्य को अनदेखी करती रही कि भारतीय को भी वैक्सीन की जरूरत है। इस संदर्भ मे जब भी इतिहास लिखा जाएगा कि 100 करोड लोगों को वैक्सीन लगी तो यह सवाल भी उठेगा कि 100 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने में इतनी देर क्यों हुई,जबकि देश के पास वैक्सीन थी । कही आप अपने को विदेशों में चमकाने व तालियां बजवाने के लिए केंद्र सरकार विदेशों में हमारी वैक्सीन भेजती रही। जब भारत मे र्निमित बैक्सीन के महीने तक शोर मचाया, कोरोना की दूसरी लहर की चपेट मे असंख्यलोग मरे।चहूँ दिशाओ में त्राहि-त्राहि मची, श्याद इसके लिए हमारी सरकार इंतजार करती रही। अगर सरकार ने मुस्तैदी से कर लिया होता तो 100 करोड़ का लक्ष्य हम पांच छः महीने पहले ही हासिल कर चुके होते। अगर केंद्र सरकार इस कार्य के लिए अपने सर सफलता का शेहरा बाँध कर उत्सव मना रही है तो यह बहुत अच्छी बात है, मै आप को याद दिलाना चाहता हूँ कि केंद्र सरकार को इस बात की भी जिम्मेदारी लेनी होगी कि उनकी गलत नीतियों की वजह से, विदेशों को अपने वैक्सीन दान देते रहे,अपने देश में 100 करोड़ वैक्सीन लगने में 6 महीने की देरी भी हुई है।
खैर इन बातो मे कुछ नही रखा है। कम से कम जरूरत मंद लाभार्थी जिन्हें रेल यात्रा के दौरान रियायती रेल टिकट की सुविधा पाने की पात्रता है ‘ उन्हे यह सुविधा को सहानभुति पुर्वक विचार कर पुनः रेल मंत्रालय द्वारा चालु कर दी जाए ।इन अंसख्य जरूरत मंद की दुआये आप व आप की सरकार कर मिले । भले इसका श्रेय आप व आपकी सरकार एक उत्सव के रूप में अपनी गौरब शाली इतिहास के पन्ने में अंकित कर गौरवान्वित महसूस करें । मुझे क्या ‘ मै तो अपने पाठकों से यह कहते हुए ष् ना ही काहूँ से दोस्ती ,ना ही काहूँ से बैर । खबरी लाल तो मांगे सबकी खैर ॥ विदा लेते है फिर मिलेंगे ‘ तीरक्षी नजर से तीखी खबर के संग तब अलविदा

 

 

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