आदिवासी क्षेत्रों के कल्याण की हर योजना की हो रही है निगरानी : अर्जुन
नई दिल्ली, 28 मार्च (ऐजेंसी/अशोक एक्सप्रेस)। सरकार ने कहा है कि आदिवासी इलाकों में लोगों के कल्याण की केंद्रीय योजनाओं की लगातार समीक्षा की जा रही है और केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजना जरूरतमंद प्रत्येक आदिवासी तक पहुंचे इसके लिए केंद्रीय स्तर पर योजनाओं की निरंतर निगरानी की जाती है। लोकसभा में आदिवासी मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने सोमवार को एक पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में केंद्रीय योजनाएं कैसे पहुंचे और इसका लाभ जरूरत मंदों को मिले इसके लिए केंद्रीय स्तर पर पांच साल के लिए पूरी व्यवसथा की गई है। राज्य सरकारों के साथ इसको लेकर समन्वय किया जा रहा है और इसकी समीक्षा कर हर योजना की मानिटरिंग की जा रही है।
उन्होंने कहा कि आदिवासी गांवों में सभी बच्चें स्कूल जाएं और स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की संख्या लगातार कम हो इसके लिए केंद्रीय योजनाओं के माध्यम से कई कदम उठाए गये हैं। बच्चों को पढ़ाई का अनुकूल माहौल मिले इसके लिए जगह-जगह आवासीय विद्यायल खोले गये है। आदिवासी बच्चे स्कूल आते रहे हैं इसके लिए उन्हें पौष्ठिक भोजन भी उपलब्ध कराया जा रहा है। स्वयंसेवी संगठनों के माध्यम से आदिवासी क्षेत्रों में केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन संबंधी एक अन्य पूरक प्रश्न पर उन्होंने कहा कि स्वयंसेवी संगठन ऑन लाइन माध्यम से मंत्रालय से जुड़ी गतिविघियों से जुडते हैं लेकिन उनके लिए किसी भी योजना में अपनी भूमिका निभाने के लिए राज्य सरकारों के साथ समन्वय रखना अनिवार्य है।
असगंठित क्षेत्र मजूदूरों को आत्मनिर्भर योजना के तहत उन्हें रोजगार दिया गया हे। ईश्रमिक पोर्टल तैयार कया गया है जिसमें 27 करोड लोगों ने पंजीकरण कराया है। सरकार की यह उपलब्धि महज छह माह में हुए है। कामन सर्विस सेंटरों की स्थापना के कारण इस काम को करने में बहुत बड़ा सहयोग मिला है। असंगठित क्षेत्र के लिए मजदूरों के लिए पेंशन, स्वास्थ्य आदि सुविधा के लिए कदम उठाए गये हैं। ईश्रम पोर्टल में सारे देश के श्रमिकों इसमें पंजीकरण करना चाहिए और इसके तहत दो लाख रुपए का बीमा कवर भी दिया जाता है। सरकार ने ईपोर्टल बनाकर श्रमिकों को सम्मानित जीवन जीने का अधिकार दिया गया है। इसके तहत न सिर्फ श्रमिकों को मिलने वाले रोजगार के आंकड़े होते हैं बल्कि उनमें से कितने लोगों ने सरकारी सुविधा का लाभ उठाया है इसका भी विवरण मिल जाता है। इसमें असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का भी पूरा विवरण होता है। विनिर्माण, शिक्षा आदि क्षेत्रों में 2014 की तुलना में काफी बृद्धि हुई है।
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