Home देश-दुनिया कांवड़ यात्रा पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, फैसले पर पुनर्विचार कर सोमवार तक बताए यूपी सरकार

कांवड़ यात्रा पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, फैसले पर पुनर्विचार कर सोमवार तक बताए यूपी सरकार

नई दिल्ली, 16 जुलाई (ऐजेंसी/अशोक एक्सप्रेस)। सुप्रीम कोर्ट ने आज कांवड़ यात्रा को अनुमति देने के फैसले पर उत्तर प्रदेश सरकार से एक बार फिर विचार करने को कहा है। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से सोमवार तक का समय देते हुए कहा कि तब तक अपने फैसले से कोर्ट को अवगत कराए नहीं तो कोर्ट आदेश जारी कर देगा। वहीं कोर्ट में केंद्र की ओर से दायर हलफनामे में कहा गया है कि हरिद्वार से गंगाजल लेकर कांवड़ियों का अपने इलाके के मंदिर तक ले जाना कोरोना संक्रमण के मद्देनजर उचित नहीं है इसलिए टैंकर के जरिए गंगाजल को जगह-जगह उपलब्ध करवाया जाए। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश को एक बार दोबारा विचार करने को कहा और सोमवार तक समय दिया है। कोर्ट ने कहा,’हम आपको विचार का एक और मौका देना चाहते हैं ताकि आप इस पर सोचें कि यात्रा को अनुमति देनी है या नहीं।’

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि टैंकर चिन्हित/निर्धारित स्थानों पर उपलब्ध हों ताकि आस-पास के भक्त ‘गंगा जल’ को इकट्ठा कर सकें और अपने नजदीकी शिव मंदिरों में ‘अभिषेक’ कर सकें। इस दौरान राज्य सरकारों को सुनिश्चित करना चाहिए कि कोरोना नियमों का पालन किया जाए। हर साल सावन के महीने में होने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई की जा रही है। जस्टिस रोहिंग्टन फली नरीमन और बीआर गवई की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। इससे पहले की सुनवाई में कोर्ट ने उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश सरकार के अलग-अलग फैसलों से लोगों के बीच भ्रम की बात कही थी। कोर्ट ने कहा था कि लोग पूरी तरह भ्रमित हैं। उन्हें यह बात समझ नहीं आ रही है कि आखिर हो क्या रहा है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लिया है। उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा को रद कर दिया है लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरी एहतियात बरतते हुए इस यात्रा की अनुमति दे दी है। योगी के इस आदेश पर हैरानी जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार और केंद्र को नोटिस जारी किया था। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से इस यात्रा के लिए की गई तैयारियों का ब्यौरा कोर्ट में दिया जाना है। राज्य में 25 जुलाई से प्रस्तावित कांवड़ यात्रा के लिए कोरोना प्रोटोकाल के साथ पूरी तैयारी हो चुकी है। इसके तहत प्रत्येक श्रद्धालु को अपने साथ आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट रखना होगा। वे शिव मंदिरों में गंगाजल चढ़ा सकते हैं लेकिन शारीरिक दूरी समेत तमाम कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Check Also

यूक्रेन के ड्रोन हमले से रूस के ईंधन टर्मिनल पर लगी आग

मॉस्को, 24 अप्रैल (ऐजेंसी/अशोका एक्स्प्रेस)। रूस के स्मोलेंस्क क्षेत्र में यूक्रेनी सशस्त्…