स्विस कैथलिक चर्च ने पिछले यौन शोषण के अध्ययन का आदेश दिया
जिनेवा, 07 दिसंबर (ऐजेंसी/अशोक एक्सप्रेस)। स्विट्जरलैंड में रोमन कैथलिक चर्च के नेताओं ने दो शिक्षाविदों को 20 वीं शताब्दी के मध्य से स्विस चर्च के यौन शोषण के इतिहास पर एक अध्ययन का नेतृत्व करने के लिए कहा है। इसी के साथ यह चर्च इस तरह का आदेश देने वाले यूरोप और अन्य देशों के गिरजाघरों में शुमार हो गया है।
बिशप के स्विस सम्मेलन और दो अन्य संगठनों ने सोमवार को घोषणा की कि ज्यूरिख विश्वविद्यालय के इतिहास के दो प्राध्यापक, मोनिका डोमन और मारिएटा मायर, औपचारिक रूप से परियोजना शुरू करने और मार्च में इसके पूर्ण उद्देश्यों का विवरण देने से पहले, आने वाले हफ्तों में एक टीम बनाएंगे।
संगठनों ने कहा, ‘असंख्य लोगों को रोमन कैथलिक चर्च के संदर्भ में यौन उत्पीड़न से जुड़ी घटनाओं की गहरी पीड़ा उठानी पड़ी है।’ उन्होंने कहा, ‘वैज्ञानिक स्मृति का काम सबसे पहले पीड़ितों का है, उनका दर्द बांटा जाना चाहिए, लेकिन यह भविष्य के लिए सबक भी देगा।’
एक साल की प्रायोगिक परियोजना शोधकर्ताओं को ‘उनकी फाइलों और अभिलेखागार तक निर्बाध पहुंच प्रदान करेगी जहां तक संभव हो और धर्म विधान और राज्य कानून के तहत अधिकृत हो।’ संगठनों ने अपने सदस्यों और अन्य समूहों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करने का भी संकल्प लिया। साथ ही उन्होंने पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए स्वतंत्रता पर भी जोर दिया।
फ्रांस, जर्मनी और पुर्तगाल में रोमन कैथलिक चर्च ऐसी परियोजनाएं शुरू कर चुके हैं जिनमें अब स्विटजरलैंड भी शामिल हो गया है। चर्च में यौन शोषण के मामले ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और आयरलैंड में सामने आए हैं।
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