Home देश-दुनिया वर्ष 2020 में मृत्यु पंजीकरण में वृद्धि का कारण पूरी तरह से कोविड से हुई मौतें नहीं : नीति आयोग

वर्ष 2020 में मृत्यु पंजीकरण में वृद्धि का कारण पूरी तरह से कोविड से हुई मौतें नहीं : नीति आयोग

नई दिल्ली, 04 मई (ऐजेंसी/अशोक एक्सप्रेस)। नीति आयोग के सदस्य वी. के. पॉल ने कहा है कि वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2020 में मृत्यु पंजीकरण में वृद्धि का कारण पूरी तरह से कोविड से हुई मौतें नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ एजेंसियों द्वारा भारत के संबंध में कोरोना वायरस जनित महामारी से हुई मौतों की संख्या “बढ़ा चढ़ाकर” प्रकाशित करना बंद होना चाहिए।

कोविड-19 कार्यबल के प्रमुख पॉल ने लांसेट में हाल में प्रकाशित एक शोधपत्र का हवाला दिया जिसमें दावा किया गया था कि भारत में जनवरी 2020 से दिसंबर 2021 के बीच कोविड से जितनी मौतें हुईं, वह बताई गई संख्या से आठ गुना ज्यादा थी।

लांसेट में प्रकाशित शोधपत्र में कहा गया कि उस दौरान भारत में कोविड से लगभग 4,89,000 मौत दर्ज की गई। शोधपत्र में यह भी दावा किया गया कि कोविड के कारण भारत में हुई अनुमानित कुल मौतों की संख्या 40 लाख 70 हजार थी, जो दुनिया में सबसे अधिक है।

सरकार ने जन्म और मृत्यु के आंकड़ों पर आधारित सिविल पंजीकरण प्रणाली (सीआरएस) रिपोर्ट 2020 मंगलवार को पेश की। आरजीआई की 2020 की रिपोर्ट में कहा गया कि पंजीकृत मौतों के मामलों में यह संख्या 2019 में 76.4 लाख थी जो 2020 में 6.2 प्रतिशत बढ़कर 81.2 लाख हो गई।

पॉल ने कहा, “सभी कारणों से हुई अतिरिक्त मौतों की संख्या के वास्तविक आंकड़े मौजूद हैं इसलिए पूर्वाग्रहों और शुद्ध रूप से अनुमान के आधार पर निष्कर्ष निकालना तर्कसंगत नहीं है।” सीआरएस के अनुसार, 2019 की तुलना में 2020 में मृत्यु पंजीकरण में 4.75 लाख वृद्धि हुई। पॉल ने कहा कि वर्ष 2018 की तुलना में साल 2019 में 6.9 लाख अतिरिक्त मौत हुई।

सीआरएस का अध्ययन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत ने हाल में ही कोविड से हुई मौतों की संख्या ज्ञात करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के तरीके पर सवाल उठाए थे और कहा था कि गणितीय मॉडल के आधार पर इतने बड़े देश (भारत) में हुई मौतों की संख्या का अनुमान नहीं लगाया जा सकता।

 

 

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