Home लेख वीआईपी सुरक्षा पर बवाल
लेख - May 31, 2022

वीआईपी सुरक्षा पर बवाल

-सिद्धार्थ शंकर-

-: ऐजेंसी अशोक एक्सप्रेस :-

पंजाब में वीआईपी सुरक्षा में कटौती बवाल का कारण बन गई है। चौथी बार की गई कटौती में श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सहित डेरे के मुखी, तीन एडीजीपी, कई पूर्व विधायक सहित 424 लोग शामिल हैं। इन वीआईपी की सुरक्षा में तैनात लगभग 3000 पुलिसकर्मियों को अब सामान्य ड्यूटी के तहत आम लोगों की सुरक्षा में लगाया जाएगा। सुरक्षा में कटौती किए जाने वालों में पंजाबी गायक शुभदीप सिंह सिद्धू मूसेवाला का नाम भी शामिल है, जिनकी रविवार को कुछ लोगों ने हत्या कर दी। 13 मार्च को 122 पूर्व विधायकों और मंत्रियों, 23 अप्रैल को 184 पूर्व मंत्रियों और विधायकों और 11 मई को आठ वीआईपी की सुरक्षा वापस ली जा चुकी है। सिद्धू की हत्या के बाद सुरक्षा में कटौती का मामला गरमा गया है। विपक्ष ने आप सरकार को घेरा है। वहीं पंजाब सरकार ने सिंगर सिद्धू मूसेवाला की वीआईपी सुरक्षा वापस लिए जाने के फैसले की भी जांच कराने की बात कही है। पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद खालिस्तान समर्थक समूह सिख फॉर जस्टिस फिर सक्रिय हो गया है। खबर है कि समूह ने एक वीडियो के जरिए पंजाब के मशहूर गायकों को भारत से पंजाब की आजादी का समर्थन करने के लिए कहा है। संगठन ने मशहूर पंजाबी गायकों से कहा है कि अब भारत से पंजाब की आजादी के लिए खालिस्तान रेफरेंडम (जनमत संग्रह) को समर्थन करने का समय है। प्रतिबंधित संगठन के संस्थापकों में से एक गुरपतवंत सिंह पन्नू ने वीडियो मैसेज में गायकों से 6 जून को अकाल तख्त साहिब में खालिस्तान जनमत संग्रह की तारीख के ऐलान में साथ देने के लिए कहा है। पन्नू ने कहा, अगली गोली के नाम या समय का कोई अंदाजा नहीं लगा सकता। इस घटनाक्रम के बाद भाजपा से लेकर कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या को लेकर आम आदमी पार्टी की सरकार को घेर लिया है। एक बार फिर राज्य में आप सरकार को बर्खास्त करने की मांग उठी है। साथ ही सियासी दल मामले की स्वतंत्र जांच कराए जाने की मांग कर रहे हैं। सवाल यह भी है कि सिद्धू मूसेवाला की सुरक्षा में कटौती क्यों की गई। गौरतलब है कि पंजाब सरकार ने सिद्धू मूसेवाला पर हमले से एक दिन पहले ही उनकी सुरक्षा में कटौती कर दी थी। मूसेवाला की सुरक्षा में पहले 4 जवान तैनात थे जिन्हे घटाकर 2 कर दिया गया था। सवाल यह भी कि हमले के वक्त सुरक्षाकर्मी मौजूद क्यों नहीं थे? सिद्धू मूसेवाला अपने साथ सुरक्षाकर्मियों को क्यों नहीं ले गए? बुलेटप्रूफ गाड़ी होते हुए भी मूसेवाला उससे क्यों नहीं गए और जब जान का खतरा था तो इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हुई? जो भी कारण हो जांच के बाद सामने आएगा, मगर मान सरकार का तर्क देखें तो सरकार को वीआईपी सुरक्षा पर काफी खर्च करना पड़ रहा था। इस दृष्टि से मान सरकार सही है। क्योंकि देश में वीआईपी लोगों को महफूज रखना महंगा पड़ रहा है। बीस हजार से अधिक विशिष्ट एवं अति विशिष्ट लोगों को एक तय संख्या में सुरक्षा कर्मी मिले हुए हैं। प्रधानमंत्री के एसपीजी सुरक्षा कवर से लेकर जेड प्लस, जेड, वाई प्लस, वाई और एक्स श्रेणी की सुरक्षा के अलावा केंद्र व राज्य में एक या दो सुरक्षाकर्मी साथ लेकर चलने वाले वीआईपी लोगों का आंकड़ा काफी बड़ा है। वीआईपी सुरक्षा में लगे अधिकारियों के मुताबिक, 12000 करोड़ रुपए के सालाना खर्च पर लगभग 20 हजार वीआईपी महफूज रहते हैं। इनकी सुरक्षा में 60,000 से अधिक जवान तैनात हैं। 30,000 से ज्यादा गाडिय़ां, वीआईपी सिक्योरिटी में इस्तेमाल हो रही हैं। इस खर्च में तो केवल सुरक्षाकर्मियों का वेतन और वाहनों का पेट्रोल डीजल ही शामिल है। मसलन, खाना पीना, रहना, ट्रेवलिंग अलाउंस, जोखिम भत्ता एवं दूसरा कई तरह का व्यय अलग रहता है। केंद्र एवं राज्य सरकारें इस खर्च को वहन करती हैं। पंजाब सरकार ने 424 वीआईपी लोगों को दी गई सुरक्षा वापस ले ली है। पंजाब सरकार को वीआईपी सुरक्षा पर काफी खर्च करना पड़ रहा था। इससे पहले भी भगवंत मान सरकार ने कई विधायकों और पूर्व विधायकों एवं दूसरे नेताओं की सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मचारियों को वापस बुला लिया था। जिन लोगों की सुरक्षा वापस ली गई हैं, उनमें विभिन्न दलों के नेताओं के अलावा अनेक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं। डेरे एवं धार्मिक नेताओं को भी सुरक्षा घेरा प्रदान किया गया था। अनेक वीआईपी ऐसे भी होते हैं, जिनके पास सुरक्षा कर्मियों के लिए अलग से गाड़ी नहीं होती। बाहर का दौरा है तो वहां रहने का इंतजाम नहीं मिलता। ऐसे में सुरक्षा कर्मियों को पास की अपनी यूनिट से सेवा लेनी पड़ती है। खाने पीने का इंतजाम भी खुद ही करना पड़ता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

गौतम अडानी को मोदी का संरक्षण इसलिए नहीं होते गिरफ्तार : राहुल

नई दिल्ली, 21 नवंबर (ऐजेंसी/अशोका एक्स्प्रेस)। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं लोकसभा में वि…