Home लेख सिर्फ खुद को ही राष्ट्रवादी समझना और कांग्रेस को पाकिस्तान परस्त कहना गलत है
लेख - June 15, 2021

सिर्फ खुद को ही राष्ट्रवादी समझना और कांग्रेस को पाकिस्तान परस्त कहना गलत है

-डॉ. वेदप्रताप वैदिक-

-: ऐजेंसी अशोक एक्सप्रेस :-

कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह पर भाजपा के नेताओं का यों बरस पड़ना मेरी समझ में नहीं आ रहा है। दिग्विजय ने ऐसा क्या कह दिया है कि आप कांग्रेस को ही पाकिस्तानपरस्त पार्टी कहने लगे हैं। किसी संगोष्ठी में दिग्गी राजा ने यही तो कहा है कि यदि कांग्रेस सत्ता में आ गई तो वह धारा 370 को लागू करने के बारे में पुनर्विचार करेगी। उन्होंने यह तो नहीं कहा कि वह धारा 370 फिर से लागू कर देगी। यह भी उन्होंने कब कहा, जबकि एक पाकिस्तानी पत्रकार उनसे उस संगोष्ठी में यह सवाल पूछ रहा था। आजकल पाकिस्तानी राजनीति का यही भारत-विरोधी मूल मुद्दा है।

यदि ऐसा गोलमाल जवाब देने पर कांग्रेस को आप पाकिस्तानी पार्टी कह देते हैं तो नरेंद्र मोदी और अमित शाह को क्या कहेंगे ? क्या आप उन्हें पाकिस्तान का प्रवक्ता कहने का दुस्साहस करेंगे, क्योंकि उन्होंने तो कश्मीर को फिर से पूर्ण राज्य बनाने की घोषणा कई बार की है। स्वयं गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में जब धारा 370 खत्म करने की घोषणा की थी, तब कहा था कि कश्मीर को केंद्र प्रशासित क्षेत्र से पूर्ण राज्य बनाने की कोशिशें शीघ्र की जाएगी। मैं स्वयं मानता हूं कि कश्मीर को भारत के अन्य प्रांतों की तरह ही होना चाहिए। जहां तक धारा 370 खत्म करने का सवाल है, मेरा पहली टिप्पणी यह है कि अपने मूल रूप में वह पहले ही खत्म हो चुकी थी। इंदिरा गांधी के जमाने में उसे खोखला कर दिया गया था। और अब जबकि वह औपचारिक रुप से खत्म हो चुकी है, उसके नए प्रावधानों के तहत अब तक कितने गैर-कश्मीरियों या तथाकथित राष्ट्रवादियों ने वहां जमीनें खरीदी हैं और वहां बसने का फैसला किया है?

धारा 370 खत्म करने का सबसे बड़ा फायदा यह हुआ है कि कश्मीर का प्रशासन जरा चुस्त हो गया है। उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा की देख-रेख में वहां भ्रष्टाचार रहित प्रशासन चल रहा है। नेताओं की दुकानदारी फीकी पड़ गई है। इस समय दिग्गी राजा ने कश्मीर के सवाल पर जैसा नरम और व्यावहारिक रवैया अपनाया है, वह भारत और पाकिस्तान की वर्तमान मनःस्थिति के अनुकूल है। पाकिस्तान भारत के साथ बंद हुए व्यापार को दुबारा खोलना चाहता है और संयुक्त राष्ट्र में हमारे प्रतिनिधि ने द्विपक्षीय संबंध सुधारने पर जोर दिया है। विदेश नीति के मामले बहुत नाजुक होते हैं। उन्हें अंदरूनी राजनीति में घसीटना कभी-कभी नुकसानदेह साबित होता है। कांग्रेस क्या, भारत की कोई भी प्रतिष्ठित पार्टी किसी भी अन्य देश की हिमायती नहीं हो सकती। जिस पार्टी ने कश्मीर को भारत का अटूट-अंग बनाए रखा, पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए और जिसकी नेता इंदिरा गांधी के नाम से पड़ौसी नेताओं के पसीने छूटते थे, उसे पाकिस्तान परस्त कहना कहां तक उचित है ? धारा 370 को हटाने के सवाल पर यदि कोई मतभेद रखता है तो उसे आप गलत कह दीजिए लेकिन उसे पाकिस्तान परस्त (या देशद्रोही) कहना तो समझ के परे है। अपने आप को हम राष्ट्रवादी कहें और राष्ट्रहित की रक्षा में अग्रणी रहें, यह तो प्रशंसनीय है लेकिन अपने प्रतिद्वंद्वियों के माथे पर देशद्रोही का बिल्ला चिपका देना तो सर्वथा अनुचित है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

मुकेश पटेल ऑडिटोरियम में मिथिबाई क्षितिज का कोंटिन्जेंट लीडर्स ghar 2024

मुंबई l( अशोका एक्सप्रेस) मुकेश पटेल ऑडिटोरियम में अपने बहुप्रतीक्षित कोंटिन्जेंट लीडर्स म…