हिमाचल सरकार : जन अपेक्षाओं के अनुरूप चले नई सरकार
-प्रो. सुरेश शर्मा-
-: ऐजेंसी/सक्षम भारत :-
हार और जीत सिक्के के दो पहलू हैं। जहां जीत से जीवन में नये सपने बुनने तथा नई इबारत लिखने का अवसर मिलता है वहीं पर हार से आत्म मंथन, आत्मचिंतन तथा आत्म विश्लेषण कर अपनी कमियों तथा उनमें सुधार लाने का एक मौका होता है। चुनावी मैदान में कभी-कभी प्रयासों में कमी रह जाती है तथा कभी प्रयास तथा मेहनत काम कर जाते हैं। राजनीति में उम्मीदवार का आचार, व्यवहार तथा तथा जनता को समर्पित, विकासात्मक तथा सकारात्मक कार्य ही हार या जीत निश्चित करते हैं। चुनावों में बड़े-बड़े संकल्प तथा वायदे करने वाले उम्मीदवारों से जनता बहुत उम्मीद रखती है। मतदान करने वाली जनता चाहती है कि उसका चुना हुआ प्रतिनिधि सुख-दु:ख में उसके साथ रहे तथा जीवन को सरल, सुगम तथा कष्ट रहित बनाने के लिए प्रयासरत रहे। मतदाता चाहता है कि उसके द्वारा चुना हुआ प्रतिनिधि उसके विश्वासस, उम्मीदों, आशाओं तथा आकांक्षाओं पर खरा उतरे। इस बार प्रदेश के मतदाताओं ने संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकार का प्रयोग करते हुए पांच वर्षों के बाद चुनावी उत्सव में भाग लेकर भारी मतदान किया। प्रदेश में सम्पन्न इन विधान सभा चुनावों में कुल 5525269 मतदाताओं में से 2788925 पुरुष, 2736306 महिला तथा 38 थर्ड जेंडर के मतदाता शामिल थे। इन चुनावों में कुल मतदाताओं में से 75.6 प्रतिशत मतदान हुआ जिसमें मतदान 74.6 ईवीएम तथा एक प्रतिशत मतदान पोस्टर बैलेट से रिकार्ड हुआ। इस भारी मतदान का श्रेय जहां प्रदेश के जागरूक मतदाताओं को जाता है वहीं पर हिमाचल प्रदेश निर्वाचन आयोग भी अधिक से अधिक मतदान सुनिश्चित करने के लिए बधाई एवं धन्यवाद का पात्र है।
शान्तिपूर्ण सम्पन्न हुए इस चुनाव में जहां विशेष दल की हार और जीत हुई है वहीं पर लोकतन्त्र की विजय हुई है। पांच वर्षों के बाद निश्चित चुनावों में लोगों की आशाएं, जन अपेक्षाएं एवं आकांक्षाएं होती हैं। राजनैतिक दल अपने-अपने घोषणा पत्र जनता के सम्मुख रखते हैं। कुछ लोग सरकार के कार्यों से प्रसन्न होते हैं तथा कुछ नाराज़ होते हैं। पांच वर्ष के महाकुंभ तथा महाउत्सव के मंथन के पश्चात या तो नये लोग एवं राजनैतिक दल सामने आते हैं या फिर सरकारें फिर से रिपीट होती हैं। लोकतन्त्र में लोगों की भावनाएं सर्वोपरि होती हैं तथा व्यवस्था को उसका सम्मान करना ही होता है। इस चुनाव में प्रदेश के लोगों को ओल्ड पेंशन स्कीम तथा महंगाई, बेरोजग़ारी जैसे मुद्दों ने मतदान को प्रभावित किया तथा सरकार में परिवर्तन हुआ। राजनैतिक दल बदला, कुछ राजनीतिक चेहरे बदले। नई सरकार का स्वागत है, लेकिन आवश्यक है कि कार्य शैली तथा कार्य व्यवस्था बदलनी चाहिए। प्रदेश में इन विधानसभा चुनावों के बाद नई विचारधारा तथा अपनी ही तरह कार्यशैली से कार्य करने वाले दल की सरकार का गठन होगा। इस व्यवस्था में आमतौर पर राजनैतिक व्यवस्थाओं की कार्यशैली एक जैसी ही रहती है। आवश्यक यह है कि व्यवस्था, राजनैतिक दल एवं राजनेता लोगों के मतदान द्वारा दिए गए समर्थन का मूल्य समझें तथा जनभावनाओं के अनुरूप कार्य करें।
जनता की आशाओं तथा अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य करें। लोग सरकार से स्वच्छ एवं प्रभावशाली प्रशासन, विकासशील योजनाएं, भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था, युवाओं के लिए रोजगार, महंगाई पर नियन्त्रण, कानून व्यवस्था पर लगाम तथा मूलभूत सुविधाओं बिजली, पानी, शिक्षा, सडक़, स्वास्थ्य, सुरक्षा, न्याय तथा समाज में सौहार्द चाहते हैं और इसको सुनिश्चित करना चुनी हुई लोकप्रिय सरकार का कार्य होता है। दुर्भाग्यवश जब चुने हुए कुछ नेता कुछ प्रभावशाली लोगों, चम्मचों, अवसरवादियों, व्यवसायियों, धन्नासेठों तथा ठेकेदारों के इशारों पर खेलने लगते हैं और मतदाताओं की आवाज़ को अनदेखा तथा अनसुना करते हैं तो जनता को पीड़ा होती है। चुने हुए प्रतिनिधियों को जनता की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए तथा बिना किसी पक्षपात एवं भेदभाव से उनके जीवन को सुखमय बनाने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए। हालांकि आज के परिवेश में राजनेताओं को जनता की कसौटी पर खरा उतरना भी चुनौती भरा कार्य होता है। हिमाचल प्रदेश में नया राजनैतिक सवेरा हुआ है। कुछ दिनों में नई सरकार का गठन होगा। आशा है कि नये चुने गए प्रतिनिधि तथा नई सरकार हिमाचल प्रदेश के विकास, सुख समृद्धि तथा प्रदेश के जनता की भावनाओं, अपेक्षाओं तथा आकांक्षाओं के अनुरूप कार्य कर अपने आप को उदाहरणीय रूप में प्रस्तुत करेगी। चुने हुए प्रतिनिधियों को अपने आचरण, व्यवहार तथा वार्तालाप के लिए सचेत रहना चाहिए। जनता अपना सेवक चुनती है न कि हुक्मरान। प्रदेश के कर्मचारियों, किसानों, व्यवसायियों, बागवानों, सैनिकों, युवाओं, बेरोजगारों, गरीबों, वंचितों, शोषितों, वृद्धों, माताओं, बहनों तथा बच्चों के अनुरूप योजनाएं बनें।
महंगाई पर लगाम लगनी चाहिए। कलाकारों, खिलाडिय़ों तथा विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिभाशाली युवाओं को प्रोत्साहन मिले। प्रदेश की अपनी सांस्कृतिक नीति बने। खेल नीति तथा पर्यटन नीति प्रभावशाली तरीके से लागू हो। ओल्ड पेंशन स्कीम पर संवेदनशीलता से विचार हो। पढ़े-लिखे तथा प्रतिभाशाली युवाओं के लिए नये रोजगार के अवसर सृजित हों। पर्यावरण, ऊर्जा, शिक्षा, स्वास्थ्य, सडक़, सुरक्षा तथा कानून व्यवस्था में सुधार हो। वर्षों से लम्बित स्थानांतरण योजना पर भी विचार हो। प्रदेश के शहरों को सुन्दर तथा आकर्षक बनाने के लिए प्रयत्न हो। किसी भी सूरत में नियमों की अनदेखी न हो। भाई भतीजावाद न हो। किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार न फैले। लड़कियों तथा महिलाओं की सुरक्षा हो। सब ओर भयमुक्त वातावरण हो। सबका जीवन सुरक्षित हो। कानून व्यवस्था चुस्त दुरुस्त हो। हिमाचल प्रदेश की जनता की ओर से नई सरकार को बधाई एवं शुभकामनाएं। आशा है कि अपने घोषणा पत्र में दिए गए सभी वायदों को नई सरकार जनता की भावनाओं एवं समर्थन के अनुसार भेदभाव रहित कार्य कर लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाएगी अन्यथा पांच साल के बाद सत्ता की चाबी तो जनता के पास ही होती है।
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