ईरानी मूल के जर्मन कैदी को आतंकवादी मामले में फांसी
दुबई, 29 अक्टूबर (ऐजेंसी/अशोका एक्स्प्रेस)। ईरानी सुरक्षा बलों द्वारा दुबई में 2020 में अगवा किए गए ईरानी मूल के जर्मन कैदी जमशीद शर्महद को आतंकवाद के आरोप में दोषी ठहराए जाने के बाद ईरान में फांसी दे दी गई। देश की न्यायपालिका ने सोमवार को यह जानकारी दी।
69 वर्षीय शर्महद हाल के वर्षों में विदेश में रह रहे कई ईरानी असंतुष्टों में से एक थे, जिन्हें या तो धोखे से या अपहरण करके ईरान वापस लाया गया था, क्योंकि तेहरान ने विश्व शक्तियों के साथ 2015 के परमाणु समझौते के टूटने के बाद असंतुष्टों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना शुरू कर दिया था।
शर्महद की फांसी पश्चिम एशिया में जारी युद्ध के बीच इजराइल द्वारा ईरान के खिलाफ जवाबी हमला शुरू करने के दो दिन बाद हुई है।
हालांकि न्यायपालिका ने सीधे तौर पर हमले से उसकी फांसी को नहीं जोड़ा, लेकिन उस पर आरोप लगाया कि वह ईरान में हमलों की कथित साजिश रचते समय “पश्चिमी खुफिया एजेंसियों, अमेरिका और बाल-हत्या करने वाली जयोनिस्ट हुकूमत के आकाओं के आदेश पर काम कर रहा था।’’ शर्महद कैलिफोर्निया में रहता था।
न्यायालय की मिजान समाचार एजेंसी ने बताया कि उसे सोमवार सुबह फांसी दी गई। ईरान आमतौर पर सूर्योदय से पहले ही दोषी कैदियों को फांसी पर लटका देता है।
ईरान ने कैलिफोर्निया के ग्लेनडोरा में रहने वाले शर्महद पर 2008 में एक मस्जिद पर हमले की योजना बनाने का आरोप लगाया था, जिसमें पांच महिलाओं और एक बच्चे सहित 14 लोग मारे गए थे जबकि 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
नेस्को, मुंबई में हैलोवीन के साथ तालविंदर के साथ सहयोग किया।
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