दक्षिण सूडान में भारी बाढ़ से 30,000 नागरिक विस्थापित
जुबा, 06 अगस्त (ऐजेंसी/अशोक एक्सप्रेस)। दक्षिण सूडान के अयोद काउंटी में भारी बाढ़ से कम से कम 30,000 नागरिक विस्थापित हो गए हैं और उन्हें सहायता की सख्त जरूरत है क्योंकि वे फसल के बह जाने के बाद घास खाने को मजबूर हैं। संयुक्त राष्ट्र के एक राहत अधिकारी ने यह जानकारी दी।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण सूडान में कार्यवाहक मानवीय समन्वयक अराफात जमाल ने गुरुवार को यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि लगातार बारिश ने महिलाओं और बच्चों को जीवित रहने के लिए घास खाने के लिए मजबूर कर दिया है।
जमाल ने कहा, मेरे लिए सबसे ज्यादा हिलाने और चैंकाने वाली चीजों में से एक है जब किसी ने जमीन पर घास के टुकड़े फेंके और कहा कि हमारे पास यही खाने के लिए है।
उन्होंने खुलासा किया कि यूनिटी और जोंगलेई दोनों राज्यों में कुछ घर जलमग्न हो गए हैं साथ ही फसलें भी नष्ट हो गई हैं।
जमाल, जिन्होंने दक्षिण सूडान में भीषण बाढ़ के लिए जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराया है, उन्होंने कहा, हमारे पास यह (घास) है और जब हम इसे खाते हैं तो हम परेशान हो जाते हैं और बीमार पड़ जाते हैं लेकिन हमें बस इतना ही खाना है और जब मैं इन लोगों को पीड़ित देखता हूं तो मेरी मानवीय गरिमा प्रभावित होती है।
उन्होंने कहा, बाढ़ कोई नई बात नहीं है, लेकिन जो अलग है वह यह है कि हम वास्तव में जलवायु परिवर्तन और जलवायु तबाही के युग में हैं और अब हम जो देख रहे हैं वह यह है कि बाढ़ नियमित रूप से और पहले की तुलना में अधिक तीव्रता से आ रही है।
जमाल ने खुलासा किया कि विस्थापितों को भी पीने के साफ पानी की कमी है।
यूनिसेफ के अनुसार, दक्षिण सूडान में लगभग 8.3 मिलियन लोगों को वर्तमान में मानवीय सहायता की आवश्यकता है, जो 2013-2018 के गृह युद्ध के दौरान देखे गए स्तरों की तुलना में बहुत ज्यादा है, जो 6.1 मिलियन से 7.5 मिलियन लोगों के बीच था।
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