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लेख - October 19, 2021

असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा, रोजगार और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने ई-श्रमिक पोर्टल पर पंजीकरण मील का पत्थर साबित होगा

-एड किशन भावनानी-

-: ऐजेंसी अशोक एक्सप्रेस :-

भारत में असंगठित क्षेत्र विशाल स्तर पर है। साथियों हम आगे चर्चा करें इसके पहले हमें संगठित और असंगठित श्रमिकों के बारे में समझना होगा। संगठित क्षेत्र वह है जो उचित प्राधिकारी या सरकार के साथ शामिल हो और उसके नियमों और विनियमों का पालन करे। इसके विपरीत, असंगठित क्षेत्र को सेक्टर के रूप में समझा जा सकता है, जो सरकार के साथ शामिल नहीं है और इस प्रकार, किसी भी नियम का पालन करने की आवश्यकता नहीं है।…साथियों असंगठित क्षेत्र वह सेक्टर हैं जो सरकार के साथ पंजीकृत नहीं है और जिसके रोजगार की शर्तें तय नहीं हैं और नियमित रूप से असंगठित क्षेत्र माना जाता है। इस सेक्टर मेंकिसी भी सरकारी नियम-कानून का पालन नहीं किया जाता है। ऐसे क्षेत्र में प्रवेश काफी आसान है क्योंकि इसकेलिए किसी संबद्धता या पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है। सरकार असंगठित क्षेत्रको विनियमित नहीं करती है, और इसलिए कर नहीं लगाया जाता है। इस क्षेत्र में उन छोटे आकार के उद्यम, कार्यशालाएं शामिल हैं जहां कम कौशल औरअनुत्पादक रोजगार हैं।…साथियों बात अगर हम असंगठित क्षेत्र की करें तो, असंगठित क्षेत्र की खास बात यह है कि वहां ज्यादातर श्रम कानून लागू नहीं होते है। इसमें काम करने वालों की दशा दयनीय है। न वे सुनिश्चित रोजगार पाते हैं, न उनको सही वेतन मिलता है और न ही उन्हें कोई कल्याणकारी सुविधाएँ उपलब्ध होती हैं। इस क्षेत्र में रोजगार हमेशा नहीं होता एवं इसलिए काम की कोई गारंटी नहीं होती।…साथिया बात अगर हम असंगठित प्रवासी मजदूरों को सुरक्षा खतरे की करें तो दिनांक 17 अक्टूबर को मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर में 3 मजदूरों को गोली मारी जिसमें दो की मृत्यु हो चुकी है, 16 अक्टूबर 2021 को भी जम्मू कश्मीर में रेहड़ी पटरी वाले हॉकर को गोली मारी गई थी जिस की घटनास्थल पर मृत्यु हुई थी।…साथियों बात अगर हम आंकड़ों की करें तो विशेषज्ञों के अनुसार देश की अर्थव्यवस्था में 50 फीसदीसे अधिक का योगदान करने वाले असंगठित क्षेत्र के लोगों का कुल कार्यबल में हिस्सा 80 फीसदी है।…साथियों अधिकतम असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले खुदरा बाजार, कृषि, निर्माण कार्य, थोक कारोबार क्षेत्र, विनिर्माण क्षेत्र, परिवहन, भंडारण और निर्माण उद्योग में काम करने वाले हैं, परंतु वर्तमान समय में अधिकतम रोजगार सृजन की संभावना कृषि और निर्माण कार्य क्षेत्र में अधिक नजर आ रही है भारत का असंगठित क्षेत्र मूलतः ग्रामीण आबादी से बना है और इसमें वे लोग शामिल हैं जो गांव में परंपरागत कार्य करते हैं। भारत के श्रम मंत्रालय ने असंगठित श्रम बल को चार भागों में बांटा है व्यवसाय, रोजगार की प्रकृति, विशेष रूप से पीड़ित श्रेणी और सेवा श्रेणी।…साथियों शुरू से ही असंगठित क्षेत्र की प्रमुख समस्याओं अस्थाई रोजगार श्रम कानूनों के तहत नहीं आते, सामाजिक सुरक्षा की कमी, बढ़ती जटिल आर्थिक व सामाजिक व्यवस्था, खतरनाक उद्यमों में भी सुरक्षा नहीं, बेहद कम आमदनी, रोजगार और रोजी की अस्थिरता, आर्थिक सहायता मुआवजे का नियम नहीं, इत्यादि काफी जटिल समस्याओं से जूझ रहे हैं। असंगठित क्षेत्र की रही सही कसर पिछले साल 2020 से अभी तक भयंकर त्रासदी दे रही कोरोना महामारी ने निकाल ली है क्योंकि कोरोना महामारी के दुष्प्रभाव से लॉकडाउन, आर्थिक मोर्चाबंदी, बेरोजगारी ने असंगठित क्षेत्र की कमर तोड़ कर रख दी है। हालांकि केंद्र और राज्य सरकार ने असंगठित क्षेत्र के लिए अनेक आर्थिक पैकेज व सहायता तथा दिवाली 2021 तक 80 फीसदी लोगों को 5 किलो अनाज श्री उपलब्धि की योजनाएं दी है, फिर भी असंगठित क्षेत्र की समस्याएं समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है इसलिए इसका संज्ञान केंद्र सरकार ने लिया है और इस श्रमिक पोर्टल पर असंगठित श्रमिकों के रजिस्टर रजिस्ट्रेशन की योजना लागू की है।…साथियों बात अगर हम ई पोर्टल की करें तो दिनांक 17 अक्टूबर 2021 की पीआईबी विज्ञप्ति के अनुसार ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण के बाद असंगठित श्रमिकों को एक डिजिटल ई-श्रम कार्ड प्राप्त होगा और वे पोर्टल या मोबाइल ऐप के माध्यम से अपने प्रोफाइल/विवरण को अपडेट कर सकते हैं। उनके पास एक सार्वभौमिक खाता संख्या (ई-श्रम कार्ड पर) होगी जो पूरे देश में स्वीकार्य होगी और अब उन्हें सामाजिक सुरक्षा लाभ प्राप्त करने के लिए विभिन्न स्थानों पर पंजीकरण कराने की आवश्यकता नहीं होगी। यदि कोई कर्मचारी ई-श्रम पोर्टलपरपंजीकृत है और किसी दुर्घटना का शिकार हो जाता है,तो वह मृत्यु या स्थायी विकलांगता पर 2 लाख रुपये और आंशिक विकलांगता पर 1 लाख रुपये प्राप्त करने का पात्र होगा।…साथियों बात अगर हम ई पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने की योग्यता की करें तो,निर्माण, परिधान निर्माण, मछली पकड़ने, गिग और प्लेटफॉर्म वर्क स्ट्रीट वेंडिंग, घरेलू कार्य, कृषि और संबद्ध कार्यों, परिवहन क्षेत्र जैसे विविध व्यवसायों से जुड़े श्रमिकों ने पोर्टल पर पंजीकरण कराया है। इनमें से कुछ क्षेत्रों में प्रवासी श्रमिकों की एक बहुत बड़ी संख्या भी जुड़ी हुई है। प्रवासी श्रमिकों सहित सभी असंगठित श्रमिक अब ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण के माध्यम से विभिन्न सामाजिक सुरक्षा और रोजगार आधारित योजनाओं का लाभले सकते हैं।…साथियों बात अगर हम 17 अक्टूबर 2021 तक की पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने वालों की करें तो,नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, पोर्टल पर 4.09 करोड़ श्रमिकों ने पंजीकरण कराया है। इनमें से लगभग 50.02 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हैं और 49.98 प्रतिशत पुरुष हैं। यह उत्साहजनक है कि पुरुषों और महिलाओंका समान अनुपात इसअभियान का हिस्सा रहा है। लिंग के आधार पर पंजीकरण में साप्ताहिक सुधार होता रहा है, पुरुष और महिला श्रमिकों ने तुलनात्मक अनुपात में पंजीकरण किया है।…साथियों बात अगर हम असंगठित क्षेत्रों की करे तो,भारत में पंजीकृत श्रमिकों की सबसे बड़ी संख्या रोजगार का सृजन करने वाले क्षेत्रों कृषि और निर्माण से है। इसके अतिरिक्त, घरेलू और गृह कार्य से जुड़े श्रमिकों, परिधान क्षेत्र के श्रमिकों, ऑटोमोबाइल और परिवहन क्षेत्र के श्रमिकों, इलेक्ट्रॉनिक्स और हार्डवेयर श्रमिकों, पूंजीगत वस्तु श्रमिकों, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल खुदरा, पर्यटन और आतिथ्य, खाद्य उद्योग तथा अन्य कई जैसे विविध और विभिन्न व्यवसायों के श्रमिकों ने इस पोर्टल पर पंजीकरण कराया है।…साथियों बात अगर हम ई पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने की विधि की करें तो, ऑनलाइन पंजीकरण के लिए, व्यक्तिगत श्रमिक ई-श्रम के मोबाइल एप्लिकेशन या वेबसाइट का उपयोग कर सकते हैं। वे इस पोर्टल में अपना पंजीकरण कराने के लिए सामान्य सेवा केंद्रों (सीएससी), राज्य सेवा केंद्र, श्रम सुविधा केंद्रों, डाक विभाग के डिजिटल सेवा केंद्रों के चुने हुए डाकघरों में भी जा सकते हैं। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे के असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा, रोजगार और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने ई श्रमिक पोर्टल पंजीकरण मील का पत्थर साबित होगा। ई पोर्टल पर पंजीकृत असंगठित श्रमिकों की दुर्घटना में मृत्युपर दो लाख़ स्थाई विकलांगता पर एक लाख़ आर्थिक सहायता का प्रावधान सराहनीय कदम है।

 

 

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