भारत के उपनिषद, वेद और योग में छिपा है जीवन का रहस्य : डॉ. कर्ण सिंह
नई दिल्ली, 05 मई (ऐजेंसी/अशोक एक्सप्रेस)। दिग्गज वयोवृद्ध राजनेता डॉ. कर्ण सिंह ने देश के लोगों को उपनिषदों पर काम करने का आग्रह किया है। वयोवृद्ध नेता कहा कि भारत के वेद और उपनिषद काफी समृद्ध हैं। उन्होंने कहा कि असल मायने में उपनिषद, वेद और योग में ही जीवन का असली रहस्य छिपा है, जिसने योग को समझ लिया उसने स्वयं को समझ लिया। हमारी गीता सर्वश्रेष्ठ उपनिषदों में से एक है और अब समय आ गया है जब हमें उपनिषदों पर भी काम करना चाहिए। डॉ. कर्ण सिंह दिल्ली के त्रिमूर्ति भवन में योग पर आधारित किताब ‘डिकोडिंग द योग सूत्र ऑफ पतांजलि’ के विमोचन समारोह में बतौर अतिथि बोल रहे थे। इस किताब के लेखक योगगुरु आचार्य कौशल कुमार और जय सिंहानिया हैं। इस समारोह में देश के जाने माने डॉक्टर डॉ. नरेश त्रेहान ने बताया कि वह खुद 33 वर्षों से योग कर रहे हैं। डॉ. त्रेहान ने कहा कि योग से मन को जो शांति मिलती है, वह दूसरी किसी विधा में नहीं मिलती। डॉ. त्रेहान ने जिस उम्र में लोग क्रिप्टो, मेटा मे उलझे हैं। ऐसे समय में इस तरह की किताब पर चर्चा करना और ऐसी किताब लिखना बहुत ही सराहनीय है। कार्यक्रम में योगगुरु कौशल कुमार ने बताया कि उनकी योग यात्रा वर्ष 1988 से शुरू हुई जो अभी तक चल रही है। उन्होंने पुस्तक का जिक्र करते हुए कहा कि यह किताब योग पर आधारित पहला ग्रंथ है। उन्होंने यह भी बताया कि संस्कृत में योग के 63 अर्थ हैं, ऐसे में योग बहुत ही व्यापक है इसे नई पीढी को समझने की जरूरत है।
झारखंड, महाराष्ट्र विस चुनाव के साथ रिक्त विस सीटों के चुनाव की घोषणा
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