Home देश-दुनिया आसान उपाय, जो ठीक रखें आपका रक्तचाप

आसान उपाय, जो ठीक रखें आपका रक्तचाप

-: ऐजेंसी अशोक एक्सप्रेस :-

हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) को खामोश कातिल यूं ही नहीं कहा जाता। यह कई भयानक चिकित्सीय स्थितियों जैसे हार्ट अटैक, स्ट्रोक और किडनी फेल्यर के लिए बड़ा जोखिम कारक है। रगों में बहने वाले खून का दबाव बढ़ने पर भी एक व्यक्ति को सतर्क हो जाना चाहिए। आम जिंदगी में थोड़ा-सा रक्तचाप बढ़ना सामान्य है, खासकर जब हम काम करते हैं या खेलते हैं। किंतु जब आपका रक्तचाप लगातार कई दिनों तक बढ़ा हुआ रहता है, तब इसके बारे में चिंता करनी चाहिए।

हाइपरटेंशन, कार्डियोवैस्कुलर बीमारियां और संबंधित रोगों जैसी स्थितियां इस क्षेत्र में और अन्य विकासशील देशों में तेजी से बढ़ी हैं, क्योंकि लोगों के पास व्यायाम करने के लिए समय या जगह नहीं है। स्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों का सेवन आसान नहीं रहा। सामाजिक सहयोग प्रणाली से भी हम कट चुके हैं।

वयस्क का रक्तचाप 110/75 होना चाहिए। इस में उच्चतर रीडिंग प्रि-हाइपरटेंशन की स्थिति है और 140ध्90 से ज्यादा होने पर हाइपरटेंशन की स्थिति है। सर गंगाराम हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजी के वरिष्ठ सलाहकार तथा दिल्ली हार्ट एंड लंग इंस्टीट्यूट में इंटरवेंशनल कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. जे. पी. एस. साहनी के अनुसार, रक्तचाप एक महीने तक लगातार बढम हुआ रहता है तो आपको हाइपरटेंशन है।

नमक कम खाएं: जिन लोगों को उच्च रक्तचाप है, वे सोडियम को सीमित करके उसे काबू कर सकते हैं। जिन्हें उच्च रक्तचाप नहीं है, वे ऐसा करके उससे बचे रह सकते हैं।

पोटेशियम खाएं: यह खनिज रक्तचाप कम करने में मददगार है। पोटेशियम से भरपूर खाद्य पदार्थों में सेम व मटर, गिरियां, पालक, बंदगोभी जैसी सब्जियां, केला, पपीता व खजूर जैसे फल प्रमुखता से शामिल हैं।

अपना आहार बदलें: सब्जियों व फलों की एक दिन में कम से कम पांच खुराक लें, ताकि आपके आहार में फाइबर बढ़े।

वजन चैक करें: वजन बढ़ने पर रक्तचाप बढम्ने की आशंका रहती है। उसे नियंत्रित रखें। अच्छी सेहत के लिए आप अपना बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) ठीक रखें।

व्यायामः तनाव वाली स्थितियां अस्थायी तौर पर बीपी बढम्ने की वजह बन सकती हैं, इसलिए सक्रिय रहना उच्च रक्तचाप को नियंत्रित रखने के लिए जरूरी है।

-यह एक खामोश कातिल है और 18 वर्ष से ऊपर के हर तीसरे व्यक्ति को प्रभावित करता है। आम तौर पर इसे उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन कहते हैं।

-यह हर तीन में से एक व्यक्ति को प्रभावित करता है। यह गंभीर क्षति पहुंचा सकता है, लेकिन इसे नियंत्रित कर सकते हैं।

-उच्च रक्तचाप हार्ट अटैक, स्ट्रोक व किडनी फेल्यर का जोखिम बढ़ा देता है।

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