Home खेल पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने में सुधार की जरूरत : शॉपमैन
खेल - July 20, 2022

पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने में सुधार की जरूरत : शॉपमैन

नॉटिंघम, 19 जुलाई (ऐजेंसी/अशोक एक्सप्रेस)। भारतीय महिला हॉकी टीम की कोच यानेके शॉपमैन ने मंगलवार को कहा कि अगर टीम को विश्व कप के लचर प्रदर्शन को राष्ट्रमंडल खेलों में नहीं दोहराना है तो पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने के अपने कौशल में बेहद सुधार करना होगा।

राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन बर्मिंघम में 28 जुलाई से आठ अगस्त तक किया जाएगा और विश्व कप में नौवें स्थान पर रहने के बाद भारतीय टीम बेहतर प्रदर्शन करने का प्रयास करेगी। भारतीय टीम ने एक साल पहले तोक्यो ओलंपिक में एतिहासिक चौथा स्थाना हासिल किया था।

नीदरलैंड की इस कोच ने टीम के यहां पहुंचने पर कहा, ‘‘नतीजे के लिहाज से विश्व कप में हमारा प्रदर्शन अच्छा नहीं था। हमने काफी पेनल्टी कॉर्नर हासिल किए जो अच्छा था लेकिन इसे गोल में बदलने की प्रकिया सही नहीं थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसके कई कारण हैं। हम जिस तरह के मैदान पर ट्रेनिंग करते हैं यह उससे अलग था। मुझे लगता है कि हम अच्छी तरह सामंजस्य नहीं बैठा पाए। आपको पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने के तरीके में परफेक्ट होना होगा जिस पर अगले कुछ हफ्तों में हमारा ध्यान रहेगा।’’

भारत को विश्व कप में पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने को लेकर जूझना पड़ा था। भारत छह मैच में मिले 43 पेनल्टी कॉर्नर में से सिर्फ चार को ही गोल में बदल पाया था।

भारतीय टीम में गुरजीत कौर पेनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ हैं लेकिन टीम ने मोनिका और दीप ग्रेस एक्का जैसी खिलाड़ियों के साथ भी प्रयोग किया जो स्पष्ट तौर पर काम नहीं आया।

न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम 13 पेनल्टी कॉर्नर पर सिर्फ एक ही गोल कर सकी और उसे 3-4 से हार का सामना करना पड़ा।

शॉपमैन ने हालांकि कहा कि अब विरोधी टीमें उनके खिलाफ रक्षात्मक होकर खेलने को प्राथमिकता देती हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘आप देखेंगे कि अब एक बदलाव आया है। अब जब हम खेलते हैं तो टीमें अतीत की तुलना में अधिक रक्षात्मक होकर खेलने को प्राथमिकता देती हैं जबकि पहले जब हम रक्षात्मक होकर खेलते थे तो वे अधिक आक्रामक रवैया अपनाते थे।’’

शॉपमैन ने कहा, ‘‘अगर आप देखें तो चीन, इंग्लैंड और कनाडा… ये टीम हमारे खिलाफ रक्षात्मक रवैया अपनाकर खुशी थीं। एक टीम के रूप में हमें मानसिक रूप से इसका आदी होना होगा।’’

पूर्व कप्तानी रानी रामपाल को टीम में जगह नहीं मिलने पर उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि यह संबंधित सवाल है। मैं उन खिलाड़ियों पर टिप्पणी नहीं कर सकती जो यहां नहीं हैं। ’’

सत्रह साल की उम्र में पदार्पण करने के बाद लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाली फारवर्ड शर्मिला देवी ने भी विश्व कप में निराश किया लेकिन कोच ने उनका समर्थन करते हुए कहा, ‘‘जब आप करियर शुरू करते हो तो आप कुछ भी कर सकते हो। वह ऐसे चरण में है जहां 30-40 मैच खेल चुकी है और अब सब कुछ स्वाभाविक रूप से नहीं होता और वह चीजों के बारे में सोचने लग गई है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘वह उस मुश्किल दौर से गुजर रही है जिससे प्रत्येक खिलाड़ी गुजरता है और उसे सीखना होगा कि इस दौर से कैसे बाहर निकलना है।’’

भारत अपने अभियान की शुरुआत 29 जुलाई को प्रतियोगिता के पहले दिन घाना के खिलाफ करेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Check Also

सर्राफा बाजार में कमजोरी से सस्ता हुआ सोना, चांदी की भी घटी चमक

नई दिल्ली, 12 अगस्त (ऐजेंसी/अशोका एक्स्प्रेस)। घरेलू सर्राफा बाजार में आज मामूली गिरावट नज…