Home देश-दुनिया राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र संशोधन विधेयक पर संसद की मुहर लगी

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र संशोधन विधेयक पर संसद की मुहर लगी

नई दिल्ली, 19 दिसंबर (ऐजेंसी/अशोका एक्स्प्रेस)। राज्यसभा ने दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र कानून (विशेष प्रावधान) दूसरा (संशोधन) विधेयक 2023 मंगलवार को विपक्ष के शोर शराबे के बीच ध्वनिमत से पारित कर दिया।
लोकसभा ने भी इस विधेयक को आज ही पारित किया था जिससे इस पर संसद की मुहर लग गयी।
केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने विधेयक पर हुई संक्षिप्त चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि इससे इस कानून की वैधता एक जनवरी 2024 से 31 दिसम्बर 2026 तक बढ़ जाएगी और अनधिकृत बस्तियों में तोड़ फोड़ का खतरा नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि इस विधेयक का ऐतिहासिक संदर्भ भी है और यह यहां की सरकारों की लापरवाही का जीता जागता उदाहरण भी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनसंख्या 1947 में 7 से 8 लाख थी जो अब बढकर ढाई करोड़ तक पहुंच गयी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की समस्याओं पर 2006 में ध्यान दिया जाना चाहिए था लेकिन उस समय अस्थायी समाधान किया गया।
उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में रहने वाले लोग गरीब नहीं हैं बल्कि सरकार की नीतियां गरीब रही हैं जिससे गरीब लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार से सहयोग नहीं मिलने के बाद वर्ष 2019 में मोदी सरकार लोगों की राहत के लिए यह विधेयक लेकर आयी। उन्होंने कहा कि दिल्ली का मास्टर प्लान 2041 अंतिम चरण में है और उसमें किये जाने वाले बदलाव के मद्देनजर यह विधेयक लाया गया है और अगले तीन वर्षों में सभी अनधिकृत कालोनियां का सर्वेक्षण कर लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि इन कालाेनियों में चार लाख घरों का सर्वे कर लिया गया है और करीब चार लाख घरों का सर्वे किया जाना बाकी है। यह कार्य भी जल्द पूरा कर लिया जायेगा।
उनके जवाब के बाद सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया।
नेता सदन पीयूष गोयल ने कहा कि दिल्ली में सत्तारूढ आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के सदस्यों ने सदन में रहते हुए इस विधेयक का समर्थन नहीं किया यह बेहद अफसोस की बात है। उन्होंने कहा कि ये दोनों दल गरीब विरोधी और पिछड़ा वर्ग विरोधी हैं।
भाजपा के राकेश सिन्हा ने कहा कि यह महत्वपूर्ण विधेयक है लेकिन विपक्ष को दिल्ली के लोगों की परवाह नहीं है इसीलिए वह सदन से नदारद है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने राजधानी के रेहड़ी पटरी वाले गरीब लोगों के बारे में सोचा है और इसीलिए सरकार यह विधेयक लेकर आयी है।उन्होंने कहा कि दिल्ली में एक हजार से अधिक कालोनियों में चालीस लाख लोग रहते हैं जिन्हें इस विधेयक से राहत मिलेगी।
भाजपा के अनिल जैन ने कहा कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने कभी अनाधिकृत कालोनियों काे नियमित करने के बारे में नहीं सोचा। मोदी सरकार ने इन कालोनियों को 2019 में नियमित कर लोगों को राहत पहुंचायी।
भाजपा की कांता कर्दम ने कहा कि यह विधेयक गरीब लोगों के लिए लाया गया है और इससे उनका सशक्तिकरण होगा।
भाजपा के अनिल बलूनी ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार पर दिल्ली के लोगों को ठगने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अकेले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो अपने राज्य में नहीं बल्कि दूसरे राज्यों के दौरे पर रहते हैं।
निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि इस विधेयक से गरीब और पिछड़े लोगों को राहत मिलेगी।
बीजू जनता दल के अमर पटनायक ने कहा कि गरीब लोगों को मालिकाना हक मिलने से उन्हें राहत मिलेगी और उनका सशक्तिकरण होगा।

 

 

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