हिल स्टेशन पर भीड़
-सिद्वार्थ शंकर-
-: ऐजेंसी अशोक एक्सप्रेस :-
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच जिस तरह हिल स्टेशन और पर्यटन स्थलों पर भारी भीड़ जमा हो रही है, उससे एक बार फिर गंभीर स्थिति पैदा होने का खतरा मंडराने लगा है। लोग कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर जिस तरह पहाड़ों और पर्यटन स्थलों पर घूमने निकल पड़े हैं उसके पीछे लोगों को लगने लगा है कि अब सब ठीक है। लोग एक-दूसरे की देखादेखी घूमने के लिए घरों से निकल पड़े हैं जबकि ऐसा करना न केवल उन्हें कोरोना संक्रमित कर सकता है बल्कि देश को एक बार फिर उसी स्थिति में ढकेल सकता है जैसा हमने दूसरी लहर के दौरान देखा था। लोगों की इस आदत को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक चिंता जता चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार चेतावनी दे रहा है, मगर कोई मानने को तैयार नहीं। कुछ लोगों की मस्ती देश को संकट में डाल सकती है। यह समय हर चीज एक दायरे में रहकर करने का है। कोरोना की दूसरी लहर के कम होते ही लोग भारी संख्या में लोग नैनीताल, मसूरी, शिमला और कुल्लू-मनाली पहुंचने लगे हैं। लोग न केवल भीड़ एकत्र कर रहे हैं बल्कि बिना मास्क के घूम रहे हैं। उत्तराखंड के मसूरी के मशहूर केम्पटी फॉल का वीडियो बीते दिनों वायरल हुआ था, जहां झरने के नीचे सैकड़ों लोग एक साथ नहा रहे थे। इस वीडियो ने केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक को चिंता में डाल दिया। सरकार लोगों को बार-बार एहतियात बरतने की हिदायत दे रही है। महामारी टास्क फोर्स के प्रमुख ने भी फिर से चेतावनी दी है कि कोविड-19 की दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है, और इस मामले में अगर लोग लापरवाही से व्यवहार करना जारी रखते हैं तो विस्फोट हो जाएगा।
अभी जब कोरोना का खतरा टला नहीं है लोगों का इस तरह का व्यवहार सबको भारी परेशानी में डाल सकता है। उनके मुताबिक कोरोना के कारण पूरी दुनिया जिस तरह की स्थिति का सामना कर रही है ऐसे में हमें बहुत संयम और धैर्य से काम लेने की जरूरत है और बाहर घूमने के बजाए अपने परिवारवालों के साथ वक्त बिताना ज्यादा अच्छा है। टीकाकरण चलने और केस कम होने से उन्हें कुछ लोगों के इस दावे में दम नजर आता है कि अब कोरोना चला गया है, बाहर खतरा टल गया है, हमें कुछ नहीं होगा। जबकि यही मानना और समझना हमारी सबसे बड़ी गलती है और हम एक बार फिर कोरोना के गंभीर खतरे को आवाज पुकार रहे हैं।
अगर कुछ माह पीछे जाएं तो कोरोना को लेकर पहली लहर शांत होने के बाद जनवरी महीने में बंदिशों में छूट दी गई। शादियों और अन्य समारोह होने से लोगों का हुजूम उमड़ा। इससे कोरोना फैल गया और दूसरी लहर में सैकड़ों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। इसी का हवाला देते हुए केंद्र सरकार ने हिमाचल को अलर्ट किया है। हिमाचल में दिन-प्रतिदिन बढ़ रही सैलानियों की भीड़ को लेकर प्रदेश सरकार भी चिंतित है। भीड़ पर अंकुश लगाने के लिए अधिकारियों से सुझाव मांगे जा रहे हैं। प्रदेश सरकार सैलानियों को रोकना भी नहीं चाहती है, यह इसलिए कि पर्यटन कारोबार से लाखों लोग जुड़े हैं।
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