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लेख - July 20, 2021

प्रशांत कुमार की दिल्ली कांग्रेस कार्यालय में बैठक

-डॉ. हनुमन्त यादव-

-: ऐजेंसी अशोक एक्सप्रेस :-

कांग्रेस मुख्यालय से छनकर आई चर्चा के अनुसार प्रशांत कुमार कांग्रेस पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं। वे अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी के सक्रिय सदस्य के रूप में केवल कांग्रेस पार्टी के लिए 2022 में उत्तरप्रदेश, पंजाब, गोवा और मणिपुर के लिए रणनीति तैयार करेंगे एवं अपनी टीम कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित भी करेंगे। इसके बाद वे 2024 लोकसभा चुनाव के लिए पूरी तैयारी करेंगे।

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत कुमार ने मंगलवार 10 जुलाई को कांग्रेसी नेता राहुल गांधी से उनके निवास स्थान पर लगभग दो घ्ंाटे मुलाकात की। उक्त बैठक में कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल भी उपस्थित थे । इस महत्वपूर्ण बैठक मे कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी के भी ऑन लाइन हिस्सा लेने के समाचार हंै। समाचार पत्रों के अनुसार उक्त बैठक में किस विषय पर चर्चा हुई इसके बारे में कांग्रेस पार्टी और प्रशांत कुमार की ओर से कोई भी समाचार अधिकृत रूप से जारी नहीं की गई है। दो घंटे की बैठक का मतलब है कि किसी न किसी महत्वपूर्ण विषय या विषयों पर चर्चा हुई होगी। प्रशांत कुमार के राहुल गांधी और उनके परिवार के साथ अच्छे संबंध रहे हैं। प्रशांत कुमार ने 2017 में कांग्रेस पार्टी के लिए उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति तैयार की थी, उक्त चुनाव में कांग्रेस को मात्र 7 सीटें ही मिल पाई थीं। उस अनुभव से निराश होकर प्रशांत कुमार ने आगे कांगे्रस पार्टी के लिए उत्तरप्रदेश में चुनाव के लिए रणनीति बनाने के लिए हाथ जोड़़ लिए थे।

पिछले बुधवार को कुछ समाचार पत्रों ने अपने सूत्रों से यह प्रकाशित किया कि प्रशांत कुमार का एक प्रस्ताव था कि भाजपाविरोधी सभी राजनीतिक दलों को राष्ट्रपति पद के चुनाव और लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए मोर्चा बनाना चाहिए। इन्हीं समाचार पत्रों के अनुसार अगले राष्ट्रपति पद के चुनाव में शरद पवार के लिए गैर-भाजपा दलों का समर्थन जुटाकर उनको राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाकर जीत दिलानी चाहिए। विरोधी दलों का संयुक्त मोर्चा बनाकर उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और गोवा में भाजपा को अपदस्थ कर संयुक्त मोर्चा सरकार बनानी चाहिए। इस प्रकार 2024 के चुनाव में भाजपा को हराकर संयुक्त मोर्चा सरकार बनाना संभव है। इस समाचार के प्रकाशन के दूसरे दिन ही शरद पवार ने स्पष्ट किया कि उनकी प्रशांत कुमार से ऐसे किसी विषय के बारे में कोई बातचीत नहीं हुई। उनकी राष्ट्रपति बनने में कोई रुचि नहीं है।

एनडी टीवी की रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार की बैठक पंजाब या उत्तरप्रदेश के बारे में नहीं थी बल्कि कुछ बड़े कार्यक्रम को लेकर थी। इस बात के संकेत हैं कि प्रशांत कुमार 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस की लड़ाई को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उत्तरप्रदेश के समाचार पत्रों के अनुसार प्रशांत कुमार को 2022 के उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस दल के साथ जुड़ने के लिए का प्रस्ताव दिया गया है। कांग्रेस दल को अपनी खोई हुई जमीन को फि र से हासिल करने और राज्यों में अपनी स्थिति सुधारने के लिए प्रशांत कुमार में ही सहारा नजर आ रहा है। इसलिए माना जा रहा है कि प्रशांत कुमार कांग्रेस के लिए 2022 के उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव तथा 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति तैयार कर सकते हैं। इस प्रकार इन चुनावों में प्रशांत कुमार की अब बड़ी भूमिका होगी। मंगलवार की यह बैठक पार्टी की चुनावी रणनीति पर चर्चा करने और उसका ब्लूप्रिंट तैयार करने के लिए हुई थी। यह बैठक और उस पर चर्चा के विषय दोनों ही गोपनीय थे, इसलिए कोई विज्ञप्ति जारी नहीं की गई थी।

वर्ष 2017 में प्रशांत कुमार उत्तरप्रदेश के समान ही पंजाब विधानसभा चुनाव में पटियाला नरेश कैप्टन अमरिन्दर सिंह के लिए चुनावी रणनीति तैयार की थी। इस रणनीति के तहत पंजाब में कांग्रेस पार्टी ने अकाली दल-भाजपा गठबंधन को परास्त कर 117 में से 65 सीटें प्राप्त की थीं। कांग्रेस को यह विजय 10 साल बाद मिली थी। 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी के लिए चुनावी रणनीति तैयार करने का कैप्टन अमरिन्दर सिंह का निजी संदेश प्रशांत कुमार को तभी मिल गया था जब वे ममता बनर्जी के लिए पश्चिम बंगाल में कार्य कर रहे थे। किंतु उस संदेश को उन्होंने गोपनीय रखा। यही कारण है कि 2 मई को जब पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनाव की मतगणना में तृणमूल कांग्रेस प्रचंड बहुमत से जीत दर्ज कर रही थी, प्रशांत कुमार ने राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा करके सब को अचंभे में डाल दिया। प्रशांत कुमार ने स्थानीय पत्रकारों से कहा था कि वे अब चुनावी व्यूह रचना से रिटायरमेंट लेकर आराम एवं पुस्तकों के पाठन में अपना समय देंगे।

बिहार निवासी प्रशांत कुमार पाण्डेय की प्रारंभिक स्कूली शिक्षा बिहार में तथा महाविद्यालयीन शिक्षा दिल्ली व हैदराबाद में हुई थी। उन्हें तत्काल संयुक्त राष्ट्रसंघ के एक अतंरराष्ट्रीय संस्थान में कार्य मिल जाने के कारण वे विदेशों में रहे। 2011 में वे भारत आकर भाजपा से जुड़ गए। 2013-14 में उन्होंने नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री पद के प्रचार अभियान में हिस्सा लिया। 2013 में भाजपा से जुड़े रहते हुए प्रशांत कुमार ने एक स्वतंत्र मीडिया प्रचार संस्था सिटीजन फॉर अकाउंटेबल गर्वनेंस-कैग-की स्थापना की जिसको भारत की पहली राजनीतिक रणनीति संस्था कहा जा सकता है। कैग ने वर्ष 2014 में भाजपा के चुनावी अभियान में भाजपा को राजनीतिक रणनीति की तैयारी में महत्वपूर्ण सेवा प्रदान की थी। 2014 में प्रशांत कुमार ने नरेन्द्र मोदी के लिए जो मार्केटिंग और विज्ञापन अभियान चलाया था उसमें चाय पे चर्चा, मंथन, 3-डी रैलियां, रन फॉर यूनिटी और सोशल मीडिया कार्यक्रम शामिल थे।

प्रशांतकिशोर वर्ष 2015 से 2019 चार साल तक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नजदीकी बन जाने के कारण अपने चुनावी संगठनों की सत्ताधारी राजनीति में व्यस्त रहे। नीतीश कुमार ने प्रशांत कुमार को अपने मंत्रिमंडल में शामिल करते हुए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का दर्जा देकर गौरवान्वित किया था। जनवरी 2020 में उन्होंने नीतीश कुमार से संबंध विच्छेद का मार्ग चुन लिया। 2017 से ही वे चुनावी रणनीतिकार के रूप में पंजाब में कांग्रेस व आंध्रप्रदेश में वाय.एस.आर.,कांग्रेस के सलाहकार रहे। 2020 में दिल्ली में आप, 2021 में तमिलनाडु में डी.एम.के. तथा पश्चिम बंगाल में टीएमसी के चुनावी सलाहकार रहे। यह भी कहा जा रहा है कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर ंिसह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच चल रही कलह को देखते हुए प्रशांत कुमार ने पंजाब से वापसी कर ली है।

मीडिया में कांग्रेस मुख्यालय से छनकर आई चर्चा के अनुसार प्रशांत कुमार कांग्रेस पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं। वे अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी के सक्रिय सदस्य के रूप में केवल कांग्रेस पार्टी के लिए 2022 में उत्तरप्रदेश, पंजाब, गोवा और मणिपुर के लिए रणनीति तैयार करेंगे एवं अपनी टीम कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित भी करेंगे। इसके बाद वे 2024 लोकसभा चुनाव के लिए पूरी तैयारी करेंगे। कांग्रेस पार्टी में शामिल होने पर प्रशांत कुमार एक क्षेत्रीय चुनाव रणनीतिकार से बढ़कर राष्ट्रीय रणनीति निर्माता के रूप में उभरेंगे।

 

 

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