2011 वर्ल्ड कप टीम में न चुना जाना मेरे करियर का सबसे बुरा वक्त, इसके लिए सिर्फ मैं ही जिम्मेदारः रोहित शर्मा
नई दिल्ली, 13 अगस्त (ऐजेंसी/अशोक एक्सप्रेस)। भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा ने माना कि 2011 के वर्ल्ड कप की टीम में न चुना जाना उनके करियर का सबसे बुरा लम्हा था। रोहित ने हालांकि इसके लिए किसी को दोषी ठहराने से इनकार किया। इसके बजाय उनका मानना है कि शायद उन्होंने इस वर्ल्ड कप में जगह बनाने के लिए अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था।
रोहित ने 2007 में अपना सीमित ओवरों का करियर शुरू किया। उन्होंने 2007 के टी20 वर्ल्ड कप में प्रभावी खेल दिखाया। भारत ने इस वर्ल्ड कप में जीत हासिल की। हालांकि वह अपने प्रदर्शन को जारी नहीं रख पाए और इसके बाद 2011 के वर्ल्ड कप के लिए उन्हें नहीं चुना गया।
अपने करियर के उस दौर को याद करते हुए रोहित ने दिनेश कार्तिक को एक इंटरव्यू में बताया कि वह टीम का हिस्सा बनना चाहते थे। उनकी कोशिश थी कि वह अपने खेल से कोई फर्क पैदा कर सकें।
रोहित ने कहा, ‘यह सबसे बुरा वक्त था। उस समय मैं टीम में जगह बनाने के लिए बेकरार था और टीम के लिए कोई प्रदर्शन करना चाहता था। आप जानते हैं कि आप अपने घरेलू मैदान पर खेल रहे होंगे। मुझे पता था कि हमारे पास वर्ल्ड कप जीतने का सर्वश्रेष्ठ मौका था। मैं उसका हिस्सा बनकर अंतर पैदा करना चाहता था। कहीं न कहीं मैं इसके लिए खुद को जिम्मेदार मानता हूं। मैं किसी को इसके लिए दोषी नहीं ठहराना चाहता। वर्ल्ड कप से कुछ समय पहले मेरा प्रदर्शन शायद इतना अच्छा नहीं था कि मुझे उस मेगा इवेंट की टीम में शामिल किया जा सकता।’
वर्ल्ड कप की टीम में जगह न मिलने की निराशा को पार करते हुए रोहित ने सीमित ओवरों के प्रारूप में धमाकेदार वापसी की। अब उनकी गिनती दुनिया के सर्वश्रेष्ठ सलामी बल्लेबाजों में होती है। वनडे इंटरनैशनल में तीन दोहरे शतक लगाने वाले वह इकलौते बल्लेबाज हैं।
रोहित के लिए माना कि 2011 की वर्ल्ड कप टीम में जगह न बना पाना हालांकि उनके लिए काफी निराशाजनक था लेकिन साथ ही वह यह भी मानते हैं कि एक तरह से यह उनके लिए अच्छा ही साबित हुआ।
उन्होंने कहा, ‘खुद में सुधार करने और अपने खेल को बेहतर बनाने के लिए इस तरह का झटका लगना जरूरी था। हर कोई वर्ल्ड कप का हिस्सा बनना चाहता है लेकिन एक तरह से मेरे लिए यह अच्छा ही रहा। मैं एक अलग इनसान बनकर निकला। मुझे अपनी बल्लेबाजी को बेहतर ढंग से समझने का मौका मिला। यह यह जान सका कि यहां से आगे मुझे क्या करना है। मैंने सब कुछ बदला। अपना माइंटसेट और थोड़ा बहुत अपनी तकनीक में भी सुधार किया।’
रोहित ने आगे कहा, ‘वर्ल्ड कप से पहले, मैं यह नहीं कह रहा हूं कि मैं भारत के लिए खेलने को महत्ता नहीं दे रहा था लेकिन चूंकि मेरी बैटिंग पोजीशन लगातार बदल रही थी, तो मैं इसके हिसाब से खुद को ढाल नहीं पा रहा था। इससे मैं थोड़ा पिछड़ गया क्योंकि आपको नंबर के हिसाब से अपने खेल में बदलाव करना पड़ता है।’
2019 में इंग्लैंड में हुए वर्ल्ड कप में रोहित सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। उन्होंने पांच शतकों की मदद से 648 रन बनाए थे। उनका बल्लेबाजी औसत भी 81 का रहा था।
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