संरा महासचिव और समकक्षों के साथ विदेश मंत्री की द्विपक्षीय बैठकों में अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा
संयुक्त राष्ट्र, 18 अगस्त (ऐजेंसी/अशोक एक्सप्रेस)। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद यहां संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस सहित अन्य के साथ हुई द्विपक्षीय बैठकों में काबुल में स्थिति पर चर्चा की।
अफगानिस्तान में स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा की गई आपातकालीन बैठक में हिस्सा लेने के लिए जयशंकर सोमवार को न्यूयॉर्क पहुंचे थे। यह 10 दिनों में दूसरी बार है जब संयुक्त राष्ट्र की शक्तिशाली संस्था ने अगस्त के महीने में भारत की अध्यक्षता में युद्धग्रस्त देश में स्थिति को सुलझाने पर चर्चा की।
संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में मंगलवार को गुतारेस के साथ अपनी बैठक के बाद, मंत्री ने ट्वीट किया, ‘संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस से मुलाकात कर अच्छा लगा। हमारी चर्चा, सुरक्षा परिषद की कल की बैठक के बाद, अफगानिस्तान पर केंद्रित रही।’
उन्होंने एस्टोनिया की विदेश मंत्री ईवा मारिया लीमेट्स के साथ भी मुलाकात की और ‘संरा सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने समुद्री एवं साइबर सुरक्षा और अन्य वैश्विक मुद्दों पर साथ मिलकर काम करने पर चर्चा की। अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर विचारों का आदान-प्रदान किया। कल परिषद की बैठक में उनकी उपस्थिति के लिए तत्पर हैं।’
लीमेट्स ने जयशंकर के साथ अपनी मुलाकात को ‘महत्वपूर्ण’ बताया और एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने अफगानिस्तान में ‘अनिश्चित’ स्थिति और भारत की पहली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता के बारे में बात की।
उन्होंने कहा, ‘एस्टोनिया और भारत के बीच अच्छा सहयोग है, इस साल कूटनीतिक संबंधों के 30 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं।’
भारत की वर्तमान सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता में जयशंकर इस सप्ताह दो उच्च स्तरीय हस्ताक्षर कार्यक्रमों की अध्यक्षता करेंगे।
भारत ने अगस्त के महीने के लिए 15 सदस्यीय परिषद की अध्यक्षता ग्रहण की है और इस दौरान इसने समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद का मुकाबला और शांति व्यवस्था को चर्चा के प्रमुख मुद्दों के रूप में रेखांकित किया है।
मंत्री बुधवार को ‘संरक्षकों की रक्षा’ के व्यापक विषय के तहत प्रौद्योगिकी और शांति स्थापना पर एक खुली चर्चा की अध्यक्षता करेंगे।
वह गुतारेस के साथ एक समारोह में शांतिरक्षक स्मारक पर माल्यार्पण करेंगे। भारत और संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में प्रौद्योगिकी के लिए साझेदारी के समर्थन में एक समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान करेंगे।
जयशंकर ने कहा कि उन्होंने फ्रांस के यूरोप एवं विदेश मामलों के मंत्री जीन-येव्स ले द्रियां के साथ अफगानिस्तान में उभरती स्थिति पर भी चर्चा की।
उन्होंने कहा, ‘हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में समन्वय करना जारी रखेंगे। 21 भारतीय नागरिकों को काबुल से निकालकर पेरिस ले जाने के लिए उनका धन्यवाद।’
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