काबुल से लोगों की निकासी की प्रक्रिया तेज करने में संघर्ष कर रहा अमेरिका
वाशिंगटन, 20 अगस्त (ऐजेंसी/अशोक एक्सप्रेस)। अमेरिका को बृहस्पतिवार को काबुल हवाई अड्डे से अमेरिकी और अफगान नागरिकों की निकासी की प्रक्रिया तेज करने में संघर्ष करना पड़ा। इस दौरान उसने सशस्त्र तालिबानी चैकियों से लेकर कागजी कामकाज जैसी समस्याओं का सामना किया।
अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की 31 अगस्त की समयसीमा करीब आ रही है, लेकिन अब भी हजारों लोग अराजकता की स्थिति का सामना कर रहे अफगानिस्तान में फंसे हैं।
ऐसे सैंकड़ों अफगान हवाई अड्डे के बाहर जमा हो गए हैं, जिनके पास न तो कागजात हैं और न ही देश से बाहर जाने की अनुमति। जिन लोगों के पास कागजात हैं, उन्हें भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि तालिबान के लड़ाके दस्तावेज पढ़ नहीं पा रहे हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा है कि बृहस्पतिवार को 6 हजार लोगों को देश से निकलने की अनुमति मिल गई है। इससे उन लोगों के बीच उम्मीद जगी है, जो देश छोड़ना चाहते हैं।
पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किरबी ने कहा कि यह हालिया दिनों में भारी वृद्धि होगी। बीते दो दिन से दो-दो हजार लोग ही देश से बाहर निकल पा रहे हैं। किरबी ने कहा कि सेना के पास प्रतिदिन पांच से नौ हजार लोगों की निकासी के लिये विमान उपलब्ध हैं।
किरबी ने पत्रकारों से कहा कि विमानों की कमी नहीं है। इस प्रक्रिया को तेज करने के प्रयास जारी हैं। इसमें विदेश विभाग के राजयनिक अधिकारियों द्वारा हवाई अड्डे पर पहुंच चुके अमेरिकी और अफगान नागरिकों के कागजात के सत्यापन को तेज करने का प्रयास शामिल है। इसके अलावा अतिरिक्त प्रवेश द्वार खोल दिये गए हैं।
निकासी की प्रक्रिया फिलहाल जिस गति से चल रही है, उससे 31 अगस्त तक सभी सत्यापित अमेरिकी और अफगान नागरिकों को निकालने का काम पूरा होना मुश्किल होगा।
राष्ट्रपति जो बाइडन ने बुधवार को कहा था कि यदि अगस्त की समयसीमा समाप्त भी हो जाए, तब भी वह यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी अमेरिकी वहां न रहे।
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