एशियाई कप: भारतीय महिला टीम की दो सदस्य टूर्नामेंट की पूर्व संध्या पर कोविड-19 जांच में पॉजिटिव
मुंबई, 19 जनवरी (ऐजेंसी/अशोक एक्सप्रेस)। भारतीय महिला फुटबॉल टीम की दो खिलाड़ियों को एएफसी एशियाई कप से पहले बुधवार को कोविड-19 जांच में पॉजिटिव पाया गया जिससे आयोजकों ने उन्हें पृथकवास के लिये एक चिकित्सा सुविधा में रख दिया है।
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने ट्वीट किया, ‘‘एएफसी महिला एशियाई कप भारत 2022 के लिये भारतीय सीनियर राष्ट्रीय टीम की दो सदस्यों को कोविड-19 जांच में पॉजिटिव पाया गया है और उन्हें इस समय चिकित्सा सुविधा में पृथकवास में रखा गया है। ‘‘
आयोजक महासंघ ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘‘एआईएफएफ अपने खिलाड़ियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देता है और एएफसी (एशियाई फुटबॉल परिसंघ) द्वारा जारी जरूरी स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन कर रहा है। ‘‘
एआईएफएफ के करीबी एक सूत्र ने कहा कि इन दोनों में से एक खिलाड़ी ईरान के खिलाफ मैच में शुरूआती एकादश में खेली होती।
मेजबान भारत अपने अभियान की शुरूआत ईरान के खिलाफ नवी मुंबई में डीवाई पाटिल स्टेडियम में करेगा।
इन दोनों पॉजिटिव मामलों के बावजूद टूर्नामेंट के आयोजन को कोई खतरा नहीं होगा क्योंकि एआईएफएफ अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने सोमवार को कहा था कि मैच में भाग ले रही दोनों टीमों में अगर 13-13 खिलाड़ी उपलब्ध हैं तो मैच रद्द नहीं किये जायेंगे।
स्थानीय आयोजन समिति (एलओसी) के चेयरमैन पटेल ने कहा था कि अगर प्रतिभागी टीम की सदस्य वायरस से संक्रमित आती हैं तो इस तरह के हालात से निपटने के लिये आकस्मिक योजना बनायी गयी हैं।
उन्होंने कहा था, ‘‘संक्रमित खिलाड़ी या खिलाड़ियों को पृथकवास में रखा जायेगा लेकिन जब तक 13 खिलाड़ी (प्रत्येक टीम से) उपलब्ध रहेंगी तब तक मैच में टीमें खेलने के लिये उतारी जायेंगी। ‘‘
सभी 12 प्रतिभागी टीमों ने टूर्नामेंट के लिये 23 सदस्यीय टीम चुनी है।
टूर्नामेंट सभी टीमों के लिये काफी मायने रखता है क्योंकि शीर्ष पांच टीमें 2023 फीफा महिला विश्व कप में जह बनायेंगी।
भारत को चीन, चीनी ताइपे और ईरान के साथ ग्रुप ए में रखा गया है।
महामारी के कारण टूर्नामेंट में कड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल अपनाये जा रहे हैं।
सभी 12 प्रतिभागी टीमें कड़े ‘बायो-बबल’ में रह रही हैं और टूर्नामेंट में शामिल सभी खिलाड़ियों और अधिकारियों को नियमित रूप से कोविड-19 जांच कराना अनिवार्य है।
टीम होटलों में काम कर रहे सभी स्टाफ भी बायो-बबल में होंगे और वे बबल के बाहर किसी से भी शारीरिक रूप से संपर्क नहीं कर पायेंगे।
यही चीज बस के ड्राइवरों पर लागू है जो टीमों को ट्रेनिंग और मैचों के लिये ले जायेंगे। उन्हें भी बबल के अंदर ही रहने की जगह दी गयी है।
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