Home देश-दुनिया मनीष तिवारी की किताब को लेकर भाजपा ने सोनिया-राहुल की चुप्पी पर उठाए सवाल

मनीष तिवारी की किताब को लेकर भाजपा ने सोनिया-राहुल की चुप्पी पर उठाए सवाल

नई दिल्ली, 23 नवंबर (ऐजेंसी/अशोक एक्सप्रेस)। मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री रह चुके कांग्रेस नेता मनीष तिवारी की किताब को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा है कि इस किताब से यह साबित हो गया है कि यूपीए सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को दांव पर लगा दिया था और उसे राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर भारत की अखंडता को लेकर कोई चिंता नहीं थी।

भाजपा मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि सारा देश कांग्रेस सरकार की इस सच्चाई को जानता था। भाजपा भी उस समय यह लगातार कहती थी। अब कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने स्वयं यह कबूल कर लिया है कि उनकी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा तक को दांव पर लगा दिया था।

भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से अपनी चुप्पी तोड़ते हुए देश को यह बताने की मांग की कि 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के बाद उनकी सरकार ने सेना को पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करने की छूट क्यों नहीं दी, जबकि उस समय देश की वीर सेना मजबूत जवाबी कार्रवाई करने के लिए तैयार थी।

भाटिया ने मुंबई आतंकी हमले के दौरान राहुल गांधी के सुबह तक पार्टी करने और तत्कालीन गृह मंत्री शिवराज पाटिल पर लगातार सूट बदलने और बॉलीवुड की मदद करने में लगे रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बजाय उस समय की कांग्रेस सरकार भाजपा के खिलाफ राजनीति करते हुए हिंदू आतंकवाद की थ्योरी को साबित करने में जुटी हुई थी।

भाटिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सबसे बड़ा बदलाव यह हुआ है कि पूरे देश की भावना का सम्मान करते हुए पुलवामा हमले के बाद सेना को खुली छूट दी गई और बालाकोट स्ट्राइक में सेना ने पाकिस्तान के अंदर जाकर उन्हे सबक सिखाया। उन्होने कहा कि मोदी सरकार ने सिर्फ पाकिस्तान को ही नहीं चीन को भी सबक सिखाया है और उन्हे भी समझ आ गया कि राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर मोदी सरकार कितनी गंभीर और भारत की ताकतवर सेना कितनी सक्षम है।

आपको बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने अपनी किताब में सुरक्षा को लेकर मनमोहन सरकार की नीति पर सवाल उठाते हुए लिखा है कि मुंबई हमले के बाद संयम दिखाना ताकत की नहीं कमजोरी की तरह देखा जाता है और उस समय भारत को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए थी। तिवारी ने चीन के खिलाफ माउंटेन स्ट्राइक कार्प्स को बनाने की योजना रद्द करने के मनमोहन सरकार के फैसले पर भी सवाल उठाया है।

 

 

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