Home देश-दुनिया टूरिज्म प्रमोट करने को मिलकर कार्य करने की जरूरत: गहलोत

टूरिज्म प्रमोट करने को मिलकर कार्य करने की जरूरत: गहलोत

माउंट आब, 30 दिसंबर (ऐजेंसी/अशोक एक्सप्रेस)। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राज्य में पर्यटन विकास की अथाह संभावनाओं को देखते हुये पर्यटन को प्रमोट करने के लिए सभी को मिलकर कार्य करने की जरूरत है। श्री गहलोत कल शाम माउंटू आबू में शरद महोत्सव के वर्चुअल उदघाटन करते हुये कहा कि राज्य में पर्यटन विकास को पांच सौ करोड़ की राशि आवंटित की गई है। जिसके तहत तीन सौ करोड़ से सामान्य संसाधन एवं दो सौ करोड़ से धार्मिक पर्यटन का विकास होगा। उन्होंने कहा कि यहां हिल स्टेशन भी है डेजर्ट भी है यहां की भौगोलिक स्थिति एवं जलवायु पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए अपने आप में अहम स्रोत है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय पर्यटन स्थलमाउंट आबू के वाशिंदों के भवन मरम्मत, नवीनीकरण व नवनिर्माण की अहम समस्या के समाधान को बिल्डिंग बॉयलॉज के सरलीकरण किया जाएगा। जिससे नागरिकों को राहत मिले। यहां की लाईफ लाईन बहुप्रतीक्षित सालगांव बांध परियोजना के निर्माण पर भी कार्य किया जा रहा है। जिससे नागरिकों, पर्यटकों की पेयजल समस्या एवं वनसंपदा, वन्यजीवों से लेकर बंाध से रिसने वाले पानी से तराई क्षेत्र की सिंचाई से भी लोग लाभान्वित हो सकेंगे। श्री गहलोत ने कहा कि कोरोना काल में राजस्व प्राप्ति में करीब 75 फीसदी की कमी आने के बावजूद भी प्रदेश में विकास कार्यों को निरंतर नये आयाम दिए जा रहे हैं। जिसमें सिरोही जिले में मेडिकल कॉलेज, टाउन हॉल, शिवगंज में जिला अस्पताल, बतीसा नाला बांध जैसी कई अहम योजनाओं पर कार्य हुआ है। माउंट आबू के विकास के लिए अलग से 25 करोड़ की राशि आवंटित की गई है। माउंट आबू में विशेषकर गुजरात का पर्यटक आता है। जबकि राजस्थान के लोगों की उपस्थिति बहुत ही कम है। जिसे देखते हुए राजस्थान वासियों को भी माउंट आबू जाने को आकर्षित किया जाना चाहिए। इस अवसर पर वर्चुअल के माध्यम से मुख्यमंत्री ने नक्की झील स्थित गांधी वाटिका में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्ति, महात्मा गांधी पुस्तकालय का अनावरण एवं किचन गार्डन पार्किंग का शिलान्यास करते हुए कहा कि माउंट आबू के विकास के लिए आबू विकास समिति की बैठक लंबे समय से लंबित चली आ रही है। उनके पूरे कार्यकाल में माउंट आबू में समिति की बैठक आहूत की गई थी। उन्होंने कहा कि इसके बाद पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी बैठक आयोजित की थी लेकिन पिछले कोरोना काल की वजह से यह बैठक नहीं हो सकी। बैठक को निरंतर हर वर्ष आयोजित करने के लिए मसौदा तैयार किया जाएगा। माउंट आबू अथवा जयपुर में आहूत किए जाने पर बल दिया।

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