राष्ट्रपति अभिभाषण: केंद्रीय कक्ष में कोविड प्रोटोकॉल के बीच सदस्यों में दिखी रौनक
नई दिल्ली, 31 जनवरी (ऐजेंसी/अशोक एक्सप्रेस)। संसद के बजट सत्र के पहले दिन सोमवार को ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के दौरान विभिन्न दलों के प्रमुख नेताओं और सदस्यों की कोविड-19 संबंधी प्रोटोकॉल के बीच खासी उपस्थिति रही और उनके बीच रौनक देखी गयी।
राष्ट्रपति कोविंद ने अपना अभिभाषण हिंदी में दिया और इस दौरान 100 से ज्यादा बार ऐसा हुआ कि सदस्यों ने मेजें थपथपा कर उनके कथनों का स्वागत किया। उनका संबोधन समाप्त होने के बाद उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने राष्ट्रपति अभिभाषण के प्रारंभिक एवं अंतिम भाग को अंग्रेजी में पढ़ा। मंच पर ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, उच्च सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चैधरी अग्रिम पंक्तियों में दिखाई दिये।
केंद्रीय कक्ष में राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान अग्रिम पंक्तियों में राजनाथ सिंह, अमित शाह सहित विभिन्न केन्द्रीय मंत्री और तृणमूल कांग्रेस नेता सुदीप बंदोपाध्याय, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी एवं नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारुख अब्दुल्ला सहित विभिन्न दलों के नेताओं को देखा गया।
केंद्रीय कक्ष की पहली दो पंक्तियों में बैठे सांसदों ने सामाजिक दूरी के नियम का पालन किया, लेकिन उनके पीछे की पंक्तियों में बैठे कई सदस्य ऐसा करते नहीं देखे गये। केंद्रीय कक्ष की कुछ बेंच पर जहां पांच लोगों के बैठने की जगह थी, वहां सात सांसद बैठे दिखे।
अभिभाषण की शुरुआत से पहले तमिलनाडु से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेस और द्रमुक के कई सांसदों ने राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) से संबंधित विधेयक को स्वीकृति देने में राज्यपाल द्वारा ‘विलंब किए जाने’ को लेकर विरोध जताया। उन्होंने विरोध स्वरूप तख्तियां भी दिखाईं।
इस विधेयक को तमिलनाडु विधानसभा ने पारित किया है जिसमें राज्य को नीट से मुक्त करने का प्रावधान किया गया है। यह विधेयक राज्यपाल के विचारार्थ लंबित है।
राष्ट्रपति ने अपना अभिभाषण शुरू करने से पहले विरोध जता रहे सदस्यों के नाम लिए बिना कहा, ‘‘प्लीज कीप साइलेंस (कृपया शांति बनाए रखें)।’’
केंद्रीय कक्ष में जिस मंच से राष्ट्रपति ने दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया, उस पर फूलों से ‘75’ लिखकर सजाया गया था। गौरतलब है कि भारत अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में अमृत महोत्सव मना रहा है।
संसद के केंद्रीय कक्ष में राष्ट्रपति ने अपने करीब 50 मिनट के भाषण में मोदी सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के कामकाज एवं उसकी उपलब्धियों का जिक्र किया।
राष्ट्रपति कोविंद ने अपने संबोधन की शुरूआत आजादी के अमृत महोत्सव, गुरु तेगबहादुर जी का 400वां प्रकाश पर्व, श्री अरविंद की 150वीं जन्म-जयंती, वी.ओ. चिदम्बरम पिल्लई का 150वां जन्मवर्ष और नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125वीं जन्म-जयंती मनाने एवं ‘वीर बाल दिवस’ की घोषणा तथा जनजातीय गौरव दिवस मनाने के निर्णय के उल्लेख के साथ की। इनका सदस्यों ने मेजें थपथपाकर स्वागत किया।
अभिभाषण में कोरोना महामारी से मुकाबला, कोविड टीकाकरण कार्यक्रम एवं स्वाथ्य कर्मियों के योगदान के जिक्र का भी सदस्यों ने स्वागत किया।
अभिभाषण समाप्त होने और राष्ट्रगान की धुन बजने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद केंद्रीय कक्ष में अगली कतार में बैठे सदस्यों के पास गए।
इससे पूर्व कोविंद अपने लिमोजिन वाहन पर सवार होकर राष्ट्रपति अंगरक्षक घुड़सवारों के साथ राष्ट्रपति भवन से संसद के केंद्रीय कक्ष तक आये। उपराष्ट्रपति नायडू, लोकसभा अध्यक्ष बिरला, प्रधानमंत्री मोदी, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी और दोनों सदनों के महासचिवों ने उनकी अगवानी की।
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