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व्यापार - February 21, 2022

सिंगापुर में क्रिप्टोकरेंसी घोटाले के जरिये सबसे ज्यादा नुकसान

सिंगापुर, 20 फरवरी (ऐजेंसी/अशोक एक्सप्रेस)। सिंगापुर के निवेशकों को पिछले तीन वर्षों में किसी अन्य धोखाधड़ी की तुलना में फर्जी निवेश योजनाओं में सबसे अधिक नुकसान हुआ है। विशेष रूप से वे चीनी मूल के ‘पिग-बूचरिंग’ क्रिप्टोकरेंसी घोटाले का सबसे बड़ा शिकार बने हैं। निवेशकों को पिछले साल इस तरह की योजनाओं से 19.09 करोड़ सिंगापुर डॉलर का नुकसान हुआ है। यह आंकड़ा 2019 के 3.69 करोड़ डॉलर का पांच गुना से अधिक है।

‘द संडे टाइम्स’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस तरह की धोखाबाजी को अंजाम देने वाले निवेशकों से ऐसी योजनाओं में निवेश करने का आग्रह करने से पहले उनके साथ रिश्ता बनाने में महीनों लगाते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि सिंगापुर में हाल में ‘पिग बूचरिंग’ घोटाला सामने आया है। इसमें चीनी शब्द ‘शा झू पान’ का इस्तेमाल किया गया है जिसका अर्थ वध करने से पहले एक सुअर को मोटा करने से है। इसे अपराधियों ने खुद अपने घोटाले का वर्णन करने के लिए गढ़ा था। जालसाज फर्जी निवेश योजनाओं में निवेश करने का आग्रह करने से पहले लक्ष्य यानी निवेशकों के साथ नजदीकी बनाने में महीनों लगाते हैं।

सिंगापुर दैनिक ने समाचार रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि 2016 में चीन में इस तरह के घोटाले शुरू हुए। उस समय घोटालेबाजों ने पीड़ितों को नकली जुए की वेबसाइटों पर दांव लगाने के लिए तैयार किया। चीनी सरकार ने 2018 में अवैध सट्टेबाजी पर नकेल कसी। लेकिन जालसाजों ने फिर दक्षिण-पूर्व एशिया में चीनी भाषी प्रवासियों को निशाना बनाया। जैसे-जैसे यूरोप और अमेरिका में जनसांख्यिकी का विस्तार हुआ, क्रिप्टोकरेंसी निवेश की बढ़ती लोकप्रियता के साथ-साथ घोटाले की रणनीति विकसित हुई।

सिंगापुर पुलिस के मुताबिक, पीड़ितों के निवेश की राशि को चीन और हांगकांग के बैंकों में हस्तांतरित किया जाता है। इसके बाद पीड़ितों को मुनाफा वसूलने के लिए प्रशासनिक शुल्क, सुरक्षा शुल्क और करों का भुगतान करने के लिए कहा जाता है। पुलिस के मुताबिक, कई मामलों में पीड़ितों को शुरुआती चरण में लाभ होता है। इससे उन्हें निवेश के वैध और आकर्षक होने का भरोसा हो जाता है। एक बार बड़ी राशि निवेशक के खाते में जमा होने के बाद जालसाज संपर्क से बाहर हो जाते हैं।

वैसे तो पिग बूचरिंग का वार्षिक आधार पर कोई आधिकारिक डाटा उपलब्ध नहीं है। हालांकि, पिग बूचरिंग की पहचान को लेकर बनाए गए एक संगठन के अनुसार, 30-40 साल के प्रोफेशनल इसके ज्यादा शिकार होते हैं। ऐसे घोटालों की 70 फीसदी शिकार महिलाएं हैं जिनकी उम्र 25 से 40 वर्ष के बीच है। घोटालों के पीड़ितों में 90 फीसदी स्नातक या इससे ज्यादा शिक्षित शामिल हैं।

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