“अगर चीन एलएसी पर हमारी तरफ निर्माण करता है तो मिलेगा मुंहतोड़ जवाब : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
नई दिल्ली, 31 मई (ऐजेंसी/अशोक एक्सप्रेस)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज इंडिया टीवी संवाद के मंच पर चीन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उसने सीमा पर छेड़छाड़ करने या बुनियादी ढांचे का निर्माण करने की कोई कोशिश की तो भारत मुंह तोड़ जवाब देगा। इंडिया टीवी संवाद कॉन्क्लेव में रजत शर्मा के सवालों का जवाब देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, “हमारी तरफ इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने की कोशिश करेंगे, तो भारत उसका मुंह-तोड़ जवाब देगा। हमारे साथ छेड़छाड़ करेगा, तो हम उसका जवाब देंगे।”
इस दौरान रक्षा मंत्री ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा, “भारत किसी भी देश को अपना दुश्मन नहीं मानता है, लेकिन अगर कोई देश हमारे स्वाभिमान को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है, या हमारी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश करता है, तो हम ‘मुंह-तोड़ जवाब’ देंगे। जो कुछ भी हुआ (एलएसी पर) उसके लिए भारत जिम्मेदार नहीं है। चीन को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए, लेकिन मैं जानता हूं कि वह आत्मनिरीक्षण नहीं करेगा, क्योंकि उसकी मानसिकता विस्तारवादी है। हम चीन के मंसूबे को पूरा नहीं होने देंगे।”
राजनाथ सिंह ने कहा, “रक्षा मंत्री के रूप में मुझे पता है कि एलएसी पर चीन के खिलाफ गतिरोध के दौरान हमारे अधिकारियों और जवानों ने कैसे दृढ़ विश्वास और साहस दिखाया। हमारे देश में ज्यादातर लोग यह जानते तक नहीं हैं। रक्षा मंत्री के तौर पर मैं जानता हूं कि क्या हुआ, कब हुआ और कैसे हुआ। जिस तरह से हमारी सेना, वायुसेना और नौसेना ने अपनी तैयारियां कीं, वह अप्रत्याशित था। विपक्ष के नेता चाहे कुछ भी कहें, यह पहली बार है कि भारत ने चीन के खिलाफ स्टैंड लिया है। चीन ने जो भी बुनियादी ढांचा विकसित किया वह एलएसी के पार उनकी तरफ था।”
यह पूछे जाने पर कि भारत की ओर से सर्जिकल और एयर स्ट्राइक के बावजूद पाकिस्तान के रुख में सुधार क्यों नहीं हुआ, राजनाथ सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “पाकिस्तान में सुधार नहीं हुआ है, लेकिन उसे पूरी तरह से एहसास हो गया है। भारत ने साबित कर दिया है कि वह पारंपरिक लड़ाई के साथ-साथ आधुनिक लड़ाई में भी जीत हासिल कर सकता है।”
यूक्रेन संकट पर राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि भारत चाहता है कि यूक्रेन की लड़ाई जल्द से जल्द खत्म हो। उन्होंने कहा, “रूस-यूक्रेन युद्ध में प्रधानमंत्री की भूमिका की सराहना देश के विपक्ष एवं दुनिया के कई देशों ने भी की है। जब मैं विदेश मंत्री के साथ वॉशिंगटन गया था, तो मुझे लगता था कि अमेरिकी नेता भारत के रुख पर प्रतिकूल टिप्पणी कर सकते हैं, लेकिन किसी ने भी ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की। हमारे प्रधानमंत्री एकमात्र वैश्विक नेता हैं जो अमेरिका और रूस दोनों देशों के राष्ट्रपतियों से बात कर सकते हैं, और हमारे छात्रों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति से भी बात कर सकते हैं।”
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