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व्यापार - February 8, 2023

नीतिगत दरों में छठवीं बार वृद्धि, घर-कार ऋण होगा महंगा

मुंबई, 08 फरवरी (ऐजेंसी/अशोका एक्स्प्रेस)। रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने महंगाई को लक्षित दायरे में रखने के उद्देश्य से आज लगातार छठवीं बार नीतिगत दरों में बढोतरी की जिससे घर, कार और अन्य ऋण अब और महंगे हो जायेंगे। आरबीआई ने गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति समिति की बुधवार को समाप्त हुयी तीन दिवसीय बैठक के बाद यह घोषणा की। श्री दास ने घोषणा करते हुये कहा कि अक्टूबर 2022 के बाद दिसंबर 2022 में खुदरा महंगाई में तेजी से नरमी आयी है, जो विशेषकर खाद्य पदार्थाें की कीमतों के घटने से हुआ है। उन्होंने कहा कि छह सदस्यीय समिति में से चार सदस्यों ने रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की बढोतरी किये जाने के पक्ष में मतदान किया जबकि दो ने इसके विरोध में। इस तरह से बहुमत के आधार पर यह निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही समिति ने विकास को गति देने तथा महंगाई को लक्षित दायरे में बनाये रखने के पक्ष में ये निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि मध्यावधि में विकास को गति देते हुये खुदरा महंगाई को चार प्रतिशत के लक्षित दायरे में रखने के उद्देश्य निर्णय लिये गये हैं। उन्होंने कहा कि उनके साथ ही डॉ. शशांक भिड़े, डॉ राजीव रंजन और डॉ. माइकल देबब्रत ने रेपो दर में बढोतरी और समायोजन की नीति को वापस लेने का पक्ष लिया जबकि डॉ. असीमा गोयल और प्रो. जयंत आर. वर्मा ने इसके विरोध में मतदान किया। कोरोना महामारी के बाद रिजर्व बैंक ने महंगाई को काबू में करने के उद्देश्य से लगातार छठवीं बैठक में रेपो दर में बढोतरी की है। इससे आम लोगों के लिए घर, कार और अन्य प्रकार के ऋण अब महंगें हो जायेंगे क्योंकि अब तक जितनी बार रेपो दर में बढोतरी की गयी है बैंकों ने इसका भार उपभोक्ताओं पर डाला है।

रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा की मुख्य बातें…

…प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत किया गया।
…मौद्रिक नीति समिति के छह सदस्यों में से चार ने रेपो दर बढ़ाने के पक्ष में मत दिया।
…चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर के सात प्रतिशत रहने का अनुमान। 2023-24 में वृद्धि दर घटकर 6.4 प्रतिशत रहेगी।
…मौद्रिक नीति समिति उदार रुख को वापस लेने पर ध्यान देने के पक्ष में।
…खुदरा मुद्रास्फीति चौथी तिमाही में 5.6 प्रतिशत रहने का अनुमान।
….चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति 6.5 प्रतिशत पर रहेगी। अगले वित्त वर्ष में इसके घटकर 5.3 प्रतिशत पर आने का अनुमान।
….बीते साल और इस वर्ष अभी तक अन्य एशियाई मुद्राओं की तुलना में रुपये में कम उतार-चढ़ाव। ….चालू खाते का घाटा 2022-23 की दूसरी छमाही में नीचे आएगा।
….दुकानों पर भुगतान के लिए भारत आने वाले यात्रियों को भी यूपीआई सुविधा देने का प्रस्ताव। शुरुआत में यह सुविधा जी20 देशों के यात्रियों को मिलेगी।

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