संसद सत्र के दौरान विपक्षी गठबंधन की बैठक, सरकार को घेरने की रणनीति बनाई; राहुल को लेकर की यह मांग
नई दिल्ली, 25 नवंबर (ऐजेंसी/अशोका एक्स्प्रेस)। आज से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है। इस सत्र में अदाणी और वक्फ संशोधन विधेयक की ही गूंज सुनाई देने के आसार हैं। अदाणी समूह को लेकर समय-समय पर सरकार पर निशाना साधते रहे विपक्ष ने रिश्वत प्रकरण सामने आने के बाद और भी हमलावर रुख अपना लिया है। इसी को लेकर विपक्षी इंडिया ब्लॉक ने सोमवार को एक बैठक की। इस दौरान उसने अदाणी समूह में कथित भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाने और इस मामले पर जेपीसी की मांग करने का फैसला किया।
संविधान दिवस पर बोलने की भी करेंगे मांग
विपक्षी दलों के नेताओं ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखने और दोनों सदनों में विपक्ष के नेताओं को मंगलवार को संविधान दिवस कार्यक्रम में बोलने के लिए आमंत्रित करने की मांग करने का भी फैसला लिया। पार्टी सूत्रों ने कहा कि पत्र में यह कहा जाएगा कि अगर प्रधानमंत्री बोल सकते हैं तो विपक्ष के नेता क्यों नहीं।
संसद के दोनों सदनों में स्थगन प्रस्ताव दिए
सदन में नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के संसद भवन कार्यालय में बैठक की। खरगे सहित विपक्ष के कई सदस्यों ने इस मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में स्थगन प्रस्ताव दिए हैं। बैठक के बाद सोशल मीडिया मंच एक्स पर खरगे ने कहा, ‘संसद सत्र शुरू होने के साथ ही सरकार को पहला कदम यह उठाना चाहिए कि वह अदाणी मामले पर विस्तृत चर्चा करें। इस मामले से दुनियाभर में भारत की छवि खराब हो सकती है। इंडिया ब्लॉक पार्टियां आज यही मांग कर रही हैं, क्योंकि करोड़ों खुदरा निवेशकों की मेहनत से अर्जित निवेश दांव पर है।’
‘देश को चलाने के लिए गुटबाजी की जरूरत नहीं’
उन्होंने आगे कहा, ‘हमें इस देश को चलाने के लिए एकाधिकार और गुटबाजी की जरूरत नहीं है। हमें निजी क्षेत्र में स्वस्थ बाजार संचालित प्रतिस्पर्धा की आवश्यकता है, जो समान अवसर, रोजगार और धन के समान वितरण की सुविधा देता है, जो भारत की अंतर्निहित उद्यमशीलता की भावना को पूरा करता है।’
सूत्रों ने कहा कि इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने अदाणी समूह के आसपास के मुद्दों पर एक संयुक्त संसदीय समिति की मांग करने का भी निर्णय लिया।
यह लोग मौजूद रहे
बैठक में कांग्रेस के सी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, नासिर हुसैन और मणिकम टैगोर, सपा के रामजी लाल सुमन, डीएमके केटीआर बालू, तिरुचि शिवा और कनिमोई करुणानिधि और एनसीपीएसपी की सुप्रिया सुले और आप नेता राघव चड्ढा शामिल हुए। माकपा नेता के. राधाकृष्णन, भाकपा नेता के संतोष कुमार और आईयूएमएल नेता ई. टी. मोहम्मद बशीर भी वहां मौजूद थे।
एनडीए के एन के प्रेमचंद्रन, केरल कांग्रेस के नेता के. फ्रांसिस जॉर्ज, राजद के अभय कुमार सिन्हा, एमडीएमके के डॉ. फैयाज अहमद, भाकपा (एमएल) (एल) के नेता राजा राम सिंह और बीएपी के राजकुमार रोत भी बैठक में मौजूद थे।
संविधान दिवस पर दोनों सदनों में विपक्ष के नेताओं को भी बोलने का अवसर दें
इंडिया ब्लॉक के विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर उनसे आग्रह किया है कि संविधान दिवस समारोह के दौरान दोनों सदनों में विपक्ष के नेताओं को बोलने की अनुमति दी जाए। संविधान सभा द्वारा संविधान को अंगीकार किए जाने की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में मंगलवार को आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने विचार रखेंगे।
कई दलों द्वारा हस्ताक्षर किए पत्र में कहा गया, ‘हम संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में कल (मंगलवार) भारत के संविधान को अंगीकार किए जाने की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए आयोजित समारोह के संदर्भ में यह लेख लिख रहे हैं। हम समझते हैं कि समारोह को भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री संबोधित करेंगे। हमारा मानना है कि संसदीय लोकतंत्र की सर्वोत्तम परंपराओं और हितों में दोनों सदनों में विपक्ष के नेताओं को भी इस ऐतिहासिक अवसर पर बोलने का अवसर दिया जाना चाहिए।’
पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में टीआर बालू, तिरुचि शिवा, कनिमोझी, सुप्रिया सुले, राघव चड्ढा, पी संदोश कुमार, ईटी मोहम्मद बशीर, के राधाकृष्णन, रामजी लाल सुमन और एनके प्रेमचंद्रन शामिल हैं।
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