ईडी ने अनिल अंबानी के घर समेत 3,084 करोड़ रुपये की संपत्ति की कुर्की की
-धन शोधन मामले में रिलायंस समूह पर बड़ी कार्रवाई, चार आदेश जारी
नई दिल्ली, 03 नवंबर (ऐजेंसी/अशोका एक्स्प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उद्योगपति अनिल अंबानी और उनकी समूह कंपनियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत 3,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्तियों को कुर्क कर लिया है। सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के अंतर्गत की गई है। ईडी ने इस संबंध में चार अस्थायी कुर्की आदेश जारी किए हैं।
सूत्रों ने बताया कि कुर्क की गई संपत्तियों में अनिल अंबानी का मुंबई के पाली हिल स्थित आवास भी शामिल है। इसके अतिरिक्त दिल्ली के महाराजा रणजीत सिंह मार्ग पर स्थित रिलायंस सेंटर का भूखंड तथा समूह की कंपनियों की कई अन्य आवासीय एवं वाणिज्यिक संपत्तियां भी कुर्क की गई हैं। इन संपत्तियों का कुल मूल्य लगभग 3,084 करोड़ रुपये बताया गया है।
एजेंसी के अनुसार, यह मामला रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (आरसीएफएल) द्वारा जुटाई गई सार्वजनिक धनराशि के दुरुपयोग और उसे अन्य उद्देश्यों में लगाने से संबंधित है। ईडी का कहना है कि इन दोनों कंपनियों ने बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों से ऋण प्राप्त करने के बाद धन को नियत प्रयोजन के बजाय अन्य खातों में स्थानांतरित किया।
जांच के दौरान यह पाया गया कि यस बैंक ने वर्ष 2017 से 2019 के बीच आरएचएफएल में 2,965 करोड़ रुपये और आरसीएफएल में 2,045 करोड़ रुपये का निवेश किया था। दिसंबर 2019 तक ये निवेश गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों में बदल गए। उस समय आरएचएफएल पर 1,353.50 करोड़ रुपये तथा आरसीएफएल पर 1,984 करोड़ रुपये की देनदारी थी।
सूत्रों ने बताया कि अंबानी समूह के विरुद्ध यह कार्रवाई 17,000 करोड़ रुपये से अधिक की कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच से जुड़ी हुई है। इन अनियमितताओं में समूह की कई कंपनियों द्वारा सामूहिक ऋण राशि को निर्धारित परियोजनाओं के बजाय अन्य उपयोगों में लगाने का आरोप है।
प्रवर्तन निदेशालय ने इस वर्ष अगस्त में अनिल अंबानी से पूछताछ की थी। इससे पूर्व 24 जुलाई को एजेंसी ने देशभर में 50 कंपनियों और उनके अधिकारियों के लगभग 35 परिसरों पर तलाशी अभियान चलाया था। इस दौरान कई वित्तीय दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जब्त किए गए थे।
गौरतलब है कि यह मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की उस प्राथमिकी से संबंधित है, जिसमें रिलायंस समूह, यस बैंक और पूर्व बैंक प्रमुख राणा कपूर के रिश्तेदारों की कंपनियों के बीच कथित धोखाधड़ी वाले लेनदेन की जांच की जा रही है।
इस बीच, रिलायंस समूह ने पहले किसी भी प्रकार की अनियमितता से इनकार किया था। कंपनी ने अपने पूर्व बयान में कहा था कि उसके विरुद्ध लगाए गए 17,000 करोड़ रुपये की अनियमितताओं के आरोप निराधार हैं और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर वर्तमान में अपने व्यावसायिक योजनाओं को लागू करने पर केंद्रित है।
ईडी द्वारा की गई इस ताज़ा कार्रवाई से अनिल अंबानी समूह पर कानूनी दबाव एक बार फिर बढ़ गया है। एजेंसी द्वारा विस्तृत आधिकारिक बयान शीघ्र ही जारी किए जाने की संभावना है।
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