Home देश-दुनिया लोकसभा में विपक्षी सदस्यों का हंगामा, कार्यवाही साढ़े 12ः30 बजे तक स्थगित

लोकसभा में विपक्षी सदस्यों का हंगामा, कार्यवाही साढ़े 12ः30 बजे तक स्थगित

नई दिल्ली, 09 अगस्त (ऐजेंसी/अशोक एक्सप्रेस)। लोकसभा में सोमवार को पेगासस जासूसी मामले और किसानों के विषय सहित कई अन्य मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया जिसके कारण कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दोपहर 12ः30 बजे तक के लिये स्थगित कर दी गई।

सरकार ने आज सदन में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित ‘संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021’ पेश किया।

विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच ही केंद्रीय आयुष मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने ‘राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग (संशोधन) विधेयक, 2021’ और ‘राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा प्रणाली आयोग (संशोधन) विधेयक, 2021’ भी पेश किये।

आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के 79 वर्ष पूरे होने का उल्लेख किया और कहा कि यह भारत के स्वतंत्रता आंदोलन की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक था।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ‘करो या मरो’ के नारे के साथ यह जन आंदोलन बन गया और अंग्रेजी दासता से मुक्त होने के लिये पूरा देश एकजुट हुआ।

बिरला ने कहा कि हम आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर अमृत महोत्सव मना रहे हैं जो अगले वर्ष तक चलेगा। उन्होंने कहा कि हम एकजुट होकर देश की सम्प्रभुता एवं अखंडता को बनाये रखने के लिये मिलकर काम करें।

सदन ने कुछ पल मौन रहकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और सभी शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

लोकसभा अध्यक्ष ने सदन में तोक्यो ओलंपिक में भाला फेंक स्पर्धा में नीरज चोपड़ा के स्वर्ण पदक जीतने का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इससे देश में उमंग का वातावरण है। उन्होंने कुश्ती में बजरंग पूनिया द्वारा कांस्य पदक जीतने का भी उल्लेख किया। बिरला ने अपनी और सदन की ओर से खिलाड़ियों को बधाई दी।

इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू करने को कहा, वैसे ही कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने आसन के समीप आकर नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान सदन में एक प्रश्न लिया गया। लेकिन विपक्षी दलों का शोर-शराबा जारी रहा।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ प्रश्नकाल महत्वपूर्ण समय होता है। आप (विपक्ष) प्रश्नकाल में जनता से जुड़े सवाल पूछें और सरकार की जवाबदेही तय करें।’’

उन्होंने कहा कि वह जनता से जुड़े विषयों पर चर्चा कराना चाहते हें लेकिन आप (विपक्ष) चर्चा को तैयार नहीं हैं। यह गलत है।

इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही शुरू होने के करीब पांच मिनट बाद 11ः30 बजे तक के लिये स्थगित कर दी।

कार्यवाही पुनः शुरू हुई तो पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने प्रश्नकाल शुरू कराया। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने एक पूरक प्रश्न का उत्तर भी दिया। हालांकि हंगामा जारी रहने पर सभापति ने कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी।

दो बार के स्थगन के बाद बैठक पुनः शुरू हुई तो पीठासीन सभापति अग्रवाल ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच ही केंद्रीय आयुष मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने ‘राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग (संशोधन) विधेयक, 2021’ और ‘राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा प्रणाली आयोग (संशोधन) विधेयक, 2021’ भी पेश किये।

सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चैधरी, कांग्रेस के मनीष तिवारी और तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने हंगामे के बीच विधेयकों को पेश किये जाने का विरोध किया और कहा कि यह संविधान तथा सदन के नियमों की अवहेलना है।

इसी बीच सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार ने अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित ‘संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021’ पेश किया।

इस दौरान कांग्रेस के अधीर रंजन चैधरी ने कहा कि आज सभी विपक्षी दलों ने बैठक की और निर्णय लिया कि उक्त विधेयक पर सदन में चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम अन्य पिछड़ा वर्ग के कल्याण से संबंधित इस विधेयक को पारित कराना चाहते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हम विपक्ष की जिम्मेदारी समझते हैं। सभी विपक्षी दलों ने फैसला किया कि इस पर चर्चा कराके पारित कराया जाना चाहिए। इस विधेयक के साथ देश के पिछड़े वर्ग का संबंध है।’’

चैधरी ने कहा कि इससे पहले जब संविधान संशोधन लाया गया था तो हमने कहा था कि प्रदेशों के अधिकारों का हनन नहीं किया जाए। लेकिन ‘बहुमत के बाहुबल’ से सरकार हमारी बात नहीं सुनती।

उन्होंने कहा कि लेकिन आज जब हिंदुस्तान के आम लोग, अन्य पिछड़ा वर्ग के लेागों ने आंदोलन किया तो उनके डर से सरकार को यह विधेयक लाना पड़ा।

इस दौरान सदन में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी उपस्थित थीं।

मंत्री वीरेंद्र कुमार ने कहा कि विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष का विरोध राजनीतिक है। उन्होंने विधेयक के संबंध में कहा कि विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों के मुख्यमंत्री भी लगातार इसे लाने की मांग कर रहे हैं।

पीठासीन सभापति ने इसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 12ः30 बजे तक स्थगित कर दी।

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