Home देश-दुनिया अफगानिस्तान की आधी आबादी खतरे में: आईओएम

अफगानिस्तान की आधी आबादी खतरे में: आईओएम

नई दिल्ली, 12 अगस्त (ऐजेंसी/अशोक एक्सप्रेस)। अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन (आईओएम) ने कहा है कि अफगानिस्तान की लगभग आधी आबादी को आपातकालीन राहत सहायता की जरूरत है।

आईओएम ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में हेलमंद, कंधार, हेरात, कुंदुज और निमरोज प्रांतों में लड़ाई में घातक वृद्धि देखी गई है, जिससे इस युद्धग्रस्त देश में लोगों को एक अनकही पीड़ा का सामना करना पड़ रहा है, जहां 50 लाख से अधिक लोग पहले ही आंतरिक रूप से विस्थापित हो चुके हैं।

चूंकि 2021 में देशभर में संघर्षों के कारण विस्थापित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 359,000 से अधिक हो गई है, आईओएम ने कहा कि वह अफगानिस्तान के विस्थापित लोगों को आपातकालीन आश्रय, मुख्य राहत सामग्री, आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं और सुरक्षा सहायता प्रदान करना जारी रखेगा।

आंतरिक विस्थापन के अलावा, अफगानिस्तान में 2021 में रिकॉर्ड संख्या में गैर-दस्तावेज वाले लोगों का लौटना भी देखा गया है। दरअसल शरणार्थी और प्रत्यावर्तन निदेशालय (डीओआरआर) की सीमा निगरानी टीम के अनुसार, इस वर्ष के पहले सात महीनों में 680,000 से अधिक अफगानी लौटे हैं।

आईओएम ने कहा, देश कोविड-19 की तीसरी लहर और एक भीषण सूखे की चपेट में भी है। इन कारकों के कारण अफगानिस्तान की लगभग आधी आबादी को आपातकालीन राहत सहायता की जरूरत है, जिसमें वृद्धि जारी रहने की उम्मीद है।

इससे पहले आई एक रिपोर्ट में आईओएम ने कहा था कि अफगानिस्तान में 5-7 साल की उम्र के आधे से ज्यादा बच्चे किसी न किसी तरह के काम में लगे हुए हैं।

कोविड-19 महामारी ने स्थिति को और खराब कर दिया है, क्योंकि आजीविका के नुकसान के साथ-साथ स्कूल बंद होने की संभावना है, जिससे परिवारों को मिलने के लिए संघर्ष कर रहे परिवारों के लिए बाल श्रम पर निर्भरता बढ़ गई है।

मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) के अनुसार, 1.84 करोड़ से अधिक अफगानी – लगभग आधी आबादी को अब मानवीय सहायता की आवश्यकता है।

पिछले सितंबर में शुरू हुई अंतर-अफगान शांति वार्ता के बाद से हिंसा में वृद्धि के साथ, पड़ोसी ईरान और पाकिस्तान से लौटने वाले अनिर्दिष्ट अफगान प्रवासियों की अभूतपूर्व संख्या देखी गई है और अफगानिस्तान में इस दौरान गरीबी ने भी कहर ढाया है।

अकेले जनवरी और मई 2021 के बीच, 490,000 से अधिक अनिर्दिष्ट अफगान लौटे – 2020 में इसी अवधि में 42 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है, जिनमें से आधे से अधिक निर्वासित हैं।

आईओएम अफगानिस्तान के प्रोटेक्शन प्रोग्राम मैनेजर फ्लोरियन एचेगुट ने कहा, अनिर्दिष्ट रिटर्न अक्सर उनके जाने से पहले की तुलना में और भी खराब स्थिति में हो जाते हैं, क्योंकि उन्होंने संपत्ति बेच दी है या पैसे उधार लिए होते हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि स्कूली उम्र के बच्चों को काम पर भेजना अक्सर इनके अस्तित्व के लिए आवश्यक होता है, मगर यह बच्चों के भविष्य को जोखिम में भी डालता है।

अफगानिस्तान में बच्चे बाल श्रम के कुछ सबसे बुरे रूपों को झेलते हैं और वह बहुत कम उम्र में ही मजदूरी करते देखे जा सकते हैं।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

मुकेश पटेल ऑडिटोरियम में मिथिबाई क्षितिज का कोंटिन्जेंट लीडर्स ghar 2024

मुंबई l( अशोका एक्सप्रेस) मुकेश पटेल ऑडिटोरियम में अपने बहुप्रतीक्षित कोंटिन्जेंट लीडर्स म…