रेलवे बोर्ड की बैठक में जमीन अधिग्रहित करने वाले परिवारों को नौकरी देने का मसला उठा
भोपाल, 19 अगस्त (ऐजेंसी/अशोक एक्सप्रेस)। रेलवे विभाग द्वारा रेल लाइन सहित अन्य कामों के लिए निजी जमीनों का अधिग्रहण किया जाता है। विभाग की योजना के मुताबिक संबंधित परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिए जाने का प्रावधान है, लेकिन इस मामले में लेट-लतीफी का आरोप लगाया जाता है। इस मसले को मध्य प्रदेश से नाता रखने वाले और भाजयुमो के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं रेलवे बोर्ड के सदस्य डॉ अभिलाष पांडे ने उठाया।
बताया गया है कि रेलवे बोर्ड की पब्लिक एमेनिटीज कमेटी (पीएसी)की पहली बैठक बुधवार को दिल्ली स्थित रेल भवन में चेयरमैन पीके कृष्ण दास की अध्यक्षता में हुई। रेलवे बोर्ड के सदस्य डा पांडे ने बैठक में कहा कि रेलवे द्वारा भूमि अधिग्रहण की जा रही है इसके बदले में परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने में लेटलतीफी हो रही है। इस लेट-लतीफी केा दूर करना जरूरी हो गया है। साथ ही उन्होंने नियमित रूप से यात्रा करने वालों की समस्या का जिक्र करते हुए कहा कि कोरोना काल में एमएसटी किराए में हुई बढ़ोतरी हुई है। इन यात्रियों केा अब तत्काल रियायत दी जाना चाहिए।
रेलवे बोर्ड के सदस्य डॉ पांडे ने राज्य के जैन और सिख समाज के धार्मिक स्थलों को रेल सुविधा से जुड़ने पर जोर दिया। साथ ही कटनी, इटारसी, बीना जंक्शन में बिकने वाली खाद्य सामग्री की गुणवत्ता को भी बेहतर बनाए जाने का सुझाव दिया।
डॉ पांडे ने भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन पर चल रहे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाते हुए और कहा कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता में सुधार पर ध्यान देने की जरूरत है।
रेलवे बोर्ड के सदस्य डा पांडे ने बैठक में बताया कि जबलपुर के मदन महल स्टेषन के करीब रेलवे की काफी जमीन खाली पड़ी है, इसलिए जमीन का बेहतर उपयोग किया जाए और विस्तार भी हो।
डॉ पांडे के सुझावों पर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन कृष्ण दास ने कहा कि यह सुझाव रेल मंत्री को भेजे जाएंगे, ताकि रेलवे में यात्रा करने वाले आम जन को इसका लाभ मिल सके और उन्हें बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जा सके।
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