Home देश-दुनिया सोनिया गांधी ने लगाया केंद्र पर संवेदनहीनता बरतने का आरोप

सोनिया गांधी ने लगाया केंद्र पर संवेदनहीनता बरतने का आरोप

नई दिल्ली, 08 दिसंबर (ऐजेंसी/अशोक एक्सप्रेस)। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में केन्द्र सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए, संवेदनहीन होने का आरोप लगाया।

संसद भवन के सेंट्रल हॉल में सुबह करीब 9ः40 पर बैठक शुरू हुई। कांग्रेस संसदीय दल की बैठक को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को लेकर संवेदनहीन है। प्रदर्शनकारी किसानों को याद करते हुए सोनिया गांधी ने कहा आइए बलिदान देने वाले 700 प्रदर्शनकारी किसानों का सम्मान करें।

गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी केंद्र सरकार से लगातार, निरस्त किए गए कृषि कानूनों के विरोध में मारे गए किसानों के लिए मुआवजे की मांग कर रही है। कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मुद्दे को संसद में उठाते हुए लोकसभा के पटल पर मारे गए किसानों की सूची भी रखी है।

सोनिया गांधी ने बुधवार को कहा कि हम सीमा मुद्दों पर संसद में पूर्ण चर्चा की मांग करते हैं। विपक्ष सीमा पर असुरक्षा को लेकर चर्चा करना चाहता है, लेकिन सरकार इसको लेकर तैयार नहीं है। उन्होंने केन्द्र सरकार की महंगाई और विनिवेश की नीति को लेकर आड़े हाथों लिया। लगातार बढ़ रही महंगाई करोड़ों परिवार के मासिक बजट को खराब कर रही है।

12 सांसदों के निलंबन पर सोनिया गांधी ने कहा कि यह अभूतपूर्व और अस्वीकार्य है। हम निलंबित सांसदों के साथ एकजुटता से खड़े हैं। सरकार को विपक्षी सांसदों का निलंबन वापस लेना होगा। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार भारत की संपत्ति बेचने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा देश के सरकारी संपत्तियों को लगातार मोदी सरकार के द्वारा बेचा जा रहा है। कांग्रेस संसदीय दल के सभी सदस्य और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी इस बैठक में मौजूद रहे।

इससे पहले राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को प्रेस से बात करते हुए कहा था कि हम बार-बार सदन के नेता, सभापति से मिलते रहे और अपनी बात रखी कि नियम 256 के तहत जब आप सांसदों को निलंबित कर रहे हैं, तो उस नियम के मुताबिक ही निलंबित कर सकते हैं। लेकिन उन्होंने उन नियमों को छोड़ दिया और गलत तरीके से मानसून सत्र में घटी घटना को शीत सत्र में लाकर 12 सदस्यों को निलंबित किया। अगर निलंबन वापस नहीं लिया तो, विपक्षी दल निलंबित सांसदों के साथ अनशन पर बैठेंगे।

 

 

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