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लेख - January 20, 2022

चुनाव में पक्ष – विपक्ष के बीच बेहतर टक्कर!

-डॉ. भरत मिश्र प्राची-

-: ऐजेंसी अशोक एक्सप्रेस :-

देश में पंजाब, मणिपुर, गोवा, उतराखंड एवं उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव 7 चरणों में होने की घोशणा हो चुकी है। जहां उत्तर प्रदेश की कुल 403 विधान सभा सीटों पर 10 फरवरी, 14 फरवरी, 20 फरवरी, 23 फरवरी,े 27 फरवरी , 3 मार्च एवं 7 मार्च को तथा मणिपुर राज्य की 60 सीटों के लिये 27 फरवरी , 3 मार्च को , उतराखंड की 70, पंजाब की 117 एवं गोवा की 40 सीटों के लिये 14 फरवरी को चुनाव होने की प्रक्रिया चुनाव आयोग ने शुरू कर दी है। 10 मार्च को इन राज्यों के चुनाव परिणाम भी आने की घोशणा चुनाव आयोग ने की है। इसी के साथ इन राज्यों में राजनीतिक दलों की राजनीतिक गतिविधियां गति पकड़ने लगी है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कोविड काल को देखते हुये चुनाव रैली, पद यात्रा, रथ यात्रा, साइकिल यात्रा, सड़क,नुक्कड़ आदि पर रैली आयोजन करने की प्रक्रिया पर रोक लगाने एवं चुनाव उपरान्त विजय जुलूस पर पाबंदी लगा दी है। इसपर समीक्षा किये जाने की बात करते हुये हर एक से चुनाव दौरान कोरोना गाइड पालना के साथ डिजिटल चुनाव प्रचार करने की सलाह दी।
पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव की तिथि चुनाव आयोग द्वारा घोशित होते ही देश के सभी राजनीतिक दल सक्रिय हो चले है। चुनाव पूर्व आया राम गया राम की भी राजनीति शुरू हो गई है। इस चुनाव में आप पार्टी विशेष रूप से गोवा, पंजाब, उत्तराखंड एवं उत्तर प्रदेश राज्य के चुनाव में अपनी राजनीतिक पैठ बनाने में ज्यादा सक्रिय दिखाई दे रही है जो सत्ता बनाने की भूमिका में कहीं न कहीं विशेष रूप से पंजाब एवं उत्तराखंड राज्य में अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकती है। इन पांच राज्यों में से वर्तमान में पंजाब में कांग्रेस एवं शेष चार राज्यों में भाजपा का वर्चस्व कायम है पर इस चुनाव में सत्ता परिवर्तन होने की संभावनाएं नजर आ रही है। विशेष रूप से पंजाब , उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में चुनाव पूर्व हुये किसान आंदोलन में शामिल केन्द्र सरकार की नई किसान नीतियों से नाराज किसान केन्द्र की सत्ता पक्ष से जुड़े राजनीतिक दल को इन राज्यों में नुकसान पहुंचा सकते है जिससे उत्तरप्रदेश में भाजपा को सबसे ज्यादा नुकसान हो सकता है। पंजाब एवं उत्तराखंडं राज्य के मुख्य मंत्री बदले जाने से सत्ता पक्ष को चुनाव में नुकसान हो सकता है।
इस बार के विधान सभा चुनाव में सत्ता पक्ष एवं विपक्ष आर – पार की लड़ाई में नजर आ रहा है। उत्तर प्रदेश में सपा एवं गठबंधन पूरे जोर शोर से सत्ता पक्ष भाजपा को जड़ से उखाड़ फेकने की तैयारी में नजर आ रहा है। पर फिलहाल उत्ता प्रदेश से भाजपा को सत्ता से बेदखल करना इतना आसान नहीं है। केन्द्र की नई कृशि नीति के चलते नाराज किसान का समूह भाजपा को नुकसान पहुंचा सकता है तो विपक्ष खेमे में एकीकरण न होने एवं एआईआईएम के मुस्लीम तुश्टीकरण की नीति से भाजपा को लाभ मिलने के आसार है। उत्तराखड में कांग्रेस एवं भाजपा आमने सामने है। इस बार के चुनाव में कांग्रेस भाजपा को पहले से बेहतर टक्कर देने की स्थिति में नजर आ रही है। यदि पंजाब कांग्रेस के हाथ से निकल सकता तो उत्तराखंड हाथ आ सकता है। इस तरह इस चुनाव में पक्ष विपक्ष के बीच बेहतर चुनावी टक्कर नजर आ रहा है। जो सत्ता परिवर्तन को दर्षा रहा है।

 

 

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