Home देश-दुनिया ‘इंद्रधनुष’ के लिए सबको जुटना होगाः मांडविया

‘इंद्रधनुष’ के लिए सबको जुटना होगाः मांडविया

नई दिल्ली, 07 फरवरी (ऐजेंसी/अशोक एक्सप्रेस)। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ‘इंद्रधनुष’ के सार्वभौम टीकाकरण का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए सबके प्रयास और जन भागीदारी पर बल देते हुए सोमवार कहा कि शिशुओं, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को बीमारियों से बचाने तथा मृत्यु दर कम करने के लिए टीके सबसे प्रभावी, सस्ती और सुरक्षित विधियों में से एक हैं।
श्री मांडविया ने यहां राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य अधिकारियों की उपस्थिति में ‘सघन मिशन इंद्रधनुष (आईएमआई) 4.0’ का शुभारंभ करते हुए कहा कि भारत विश्व स्तर पर सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम लागू कर रहा है जिसमें सालाना तीन करोड़ से अधिक गर्भवती महिलाओं और 2.6 करोड़ बच्चों को सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी) के माध्यम टीके लगायें जा रहे हैं। इस अवसर पर असम के स्वास्थ्य मंत्री केशव महंत और गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने ऑनलाइन हिस्सा लिया।
उन्होंने कहा कि सघन मिशन इंद्रधनुष 4.0 के तीन दौर होंगे और यह देश के 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 416 जिलों में होगा। फरवरी-अप्रैल 2022 में पहला दौर 11 राज्यों में चलेगा। ये असम, उत्तराखंड, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, राजस्थान, सिक्किम, त्रिपुरा और छत्तीसगढ़ हैं। अन्य 22 राज्यों में हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, बिहार, पुड्डुचेरी, दिल्ली, पंजाब, गोवा, तमिलनाडु, हरियाणा , तेलंगाना, झारखंड, दादरा और नगर हवेली और दमन तथा दीव, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, केरल, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में यह दौर अप्रैल से मई 2022 तक होगा।
श्री मांडविया ने कहा कि शिशुओं, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को बीमारियों और मृत्यु दर से बचाने के लिए टीके सबसे प्रभावी, सस्ती और सुरक्षित विधियों में से एक हैं। उन्होेंने कहा कि दिसंबर 2014 में मिशन ‘इन्द्रधनुष’ का शुभारंभ किया था ताकि कम टीकाकरण कवरेज, उच्च जोखिम वाले और दुर्गम क्षेत्रों में आंशिक रूप से और बिना टीकाकरण वाली गर्भवती महिलाओं और बच्चों को इसमें शामिल किया जा सके। मिशन ‘इंद्रधनुष’ के तहत, सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के तहत सभी टीके राष्ट्रीय टीकाकरण अनुसूची के अनुसार प्रदान किए जाते हैं।
उन्होेंने कहा कि कोविड महामारी के कारण नियमित टीकाकरण की गति धीमी हो गई है। इंद्रधनुष 4.0 इसे तेज करने में मदद देगा। उन्होंने ‘सबका प्रयास’ और ‘जन लोक भागीदारी’ की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि देश में सार्वभौमिक टीकाकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए केंद्र, राज्यों और लाभार्थियों के सामूहिक और सहयोग से ही देश में पूर्ण टीकाकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने किया जा सकता है। उन्होंने राज्यों से जिला प्रशासन, पंचायतों और शहरी स्थानीय निकायों के साथ समन्वय करते हुए विभिन्न स्तरों पर समग्र रूप से काम करने का आग्रह किया।

 

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