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लेख - February 6, 2023

तीन राज्यों में होने वालेआगामी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने बनाई रणनीति

-विनोद ताकियावाला-

-: ऐजेंसी/अशोका एक्स्प्रेस :-

भारतीय राजनीति में चुनाव का महत्वपूर्ण स्थान होता है। नववर्ष के पार्टी का शोरगुल अभी शांत भी नही हुआ। इतने चुनाव आयोग ने इस वर्ष होने वाले तीन विधान सभा के चुनाव की तारीख घोषणा कर दी। इसके दो दिन पुर्व ही विश्व की सबसे बड़ी राजनीति दल व केन्द्र में सतारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन कर यह संकेत दे दिया था कि इस वर्ष के प्रारम्भ मे होने वाले तीन राज्यो के चुनाव में विजय प्राप्त करने के पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में गहन-चिन्तन मथंन कर अपनी रणनीति तैयार कर लिया है। इस मंथन में पार्टी में यह सर्व सहमति से अपने सहयोगी राजनीति दलो के साथ विजय श्री प्राप्त करने के लिए रणनीति बनाई है। इस रणनीति के अनुसार पार्टीअपनी सहयोगी पार्टियों से गठबंधन करेगी। भारतीय राजनीति के पंडितो के अनुसार 3 राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने खास रणनीति तैयार की है। इस रण नीति के तहत भाजपा अपनी सहयोगी पार्टियों से करेगी गठबंधन।

सर्व प्रथम पूर्वोत्तर भारत में भाजपा ने गठबंधन के लिए पार्टियों को साध लिया हैI इसके अलावा अन्य कई दलों से बातचीत जारी है। सुनने में तो आ रहा है कि नागालैंड में सीटों के बंटवारे की बात बन गई है। उत्तर-पूर्व भारत के 3 राज्यों मेघालय नागालैंड और त्रिपुरा के विधानसभा चुनाव में मैदान में उतरने से पहले भाजपा ने अपनी खास रणनीति बना ली है। भाजपा ने नगालैंड में नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) के साथ गठबंधन पक्का कर लिया है। 60 सीटों की नागालैंड विधानसभा में भाजपा 20 सीटों में अपने उम्मीदवार उतारेगीIवहीं, नागालैंड की बाकी 40 सीटों में एनडीपीपी जो एनईडीए यानी नॉर्थईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस का घटक दल है, उसके उम्मीदवार को टिकट दिया जायेगा। भाजपा ने मेघालय और त्रिपुरा चुनाव के लिए भी खास प्लान तैयार किया है। मेघालय के लिए पार्टी ने खास ‘प्लान’ तैयार किया है। यहाँ भाजपा इस बार अकेले ही चुनाव लड़ेगी।

यहां एन डी एक के घटक दल के नेता और मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी पहले ही बिना गठबंधन चुनाव लड़ने के घोषणा कर चुकी है। आप को बता दे कि विगत 2018 में चुनाव के बाद मेघालय में 6 दलों का गठबंधन हुआ था,जिसकी मदद से 5 साल तक सरकार चली। इस गठबंधन सरकार में भाजपा के 2 विधायक भी शामिल थे। उधर त्रिपुरा में नई पार्टी टिप्रा मोथा के साथ गठबंधन पर भाजपा में चर्चा चल रही है। लेकिन टिप्रा मोथा का नेता प्रद्युत देबबर्मा ने कहा कि अगर भाजपा या कोई भी राष्ट्रीय पार्टी उन्हें ग्रेटर टिप्रा लैंड का लिखित आश्वासन देगी तो वो उसी पार्टी साथ गठबंधन के लिए तैयार हैं। गौरतलब रहे कि इस मुद्दे पर दिल्ली में सीएम हिमंता बिस्वा सरमा और प्रद्युत देबबर्मा के बीच दिल्ली में बैठक भी हो चुकी है। टिप्रा मोथा को गठबंधन के लिए सीपीएम के तरफ से पहले ही प्रस्ताव आया है लेकिन पार्टी नेता प्रद्युत देबबर्मा सीपीएम के प्रस्ताव को ठुकरा दिया।

पूर्वोत्तर भारत में भाजपा ने अपना कब्जा बनाए रखने और विपक्षियों को हराने के लिए मजबूत रणनीति पर काम कर रही है। सुत्रो की माने तो आगामी 3विधानसभा चुनाव वाले तीनों राज्यों में राजनीति गठबंधन को लेकर भी बात बन चुकी है या उसपर बातचीत हो रही है। खैर चुनावी बिगुल बजने से सभी राजनीति दलअपने अपने पार्टी की रणनीति व राजनीति के शतरंज की विसात पर शह मात का खेल चल रहा है। मुझे क्या ,हम तो आप से यह कहते हुए विदा लेते है – ना ही काहुँ से दोस्ती,ना ही काहुँ से बैर। खबरी लाल तो माँगे,सबकी खैर॥फिर मिलेगे तीरक्षी नजर से तीखी खबर के संग। अलविदा।

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