मौसम का बदलाव भी है वायरल बुखार का कारण
-: ऐजेंसी/अशोका एक्स्प्रेस :-
बदलता मौसम अपने साथ कई बीमारियां लेकर आता है। यह सब जानते हुए भी हम असावधान रहते हैं और वायरल बुखार की चपेट में आ जाते हैं। प्रायः बुखार वायरल की शुरुआत खांसी, जुकाम और बुखार से होती है। विशेषकर सर्दियां प्रारंभ होते ही मौसम की शुष्कता वायरल बुखार की जिम्मेदार होती है। इस दौरान नाक, कान, गले की एलर्जी सांस लेते समय छाती में परेशानी, आवाज बैठना, खांसी, जुकाम का होना आम बात है।
कौन कौन से होते हैं वायरल इंफेक्शन:-
-हैजा भी वायरल इंफेक्शन है। यह किसी भी मौसम में हो सकता है।
-डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, पीलिया, हेपेटाइटिस, डायरिया आदि वायरस से फैलते हैं। ये भी साल में कभी भी हो सकते हैं।
-जुकाम-खांसी आदि साधारण वायरल इंफेक्शन हैं। जुकाम में नाक बंद रहती है, छींके आती हैं, गला खराब रहता है, खांसी होती है। ये अधिकतर सर्दियों में फैलते हैं।
-शरीर में दर्द और बुखार भी वायरल इंफेक्शन से होता है।
-बच्चों में डायरिया का मुख्य कारण भी वायरल इंफेक्शन होता है।
कैसे फैलता है वायरल
-वातावरण में फैला प्रदूषण वायरल इंफेक्शन को फैलाने में मदद करता है। उसी प्रदूषित वातावरण में हम सांस लेते हैं जिसमें हजारों वायरस होते हैं।
-भीड़भाड़ वाले स्थान में जाने से वायरल संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है।
-एयर कंडीशंड रूम में हम ताजी हवा का सुख नहीं ले पाते। अगर कोई खांसता है तो उसका वायरस वहीं रहता है जिससे अन्य कमजोर लोग उसकी चपेट में आ जाते हैं।
-आस-पास की गंदगी भी वायरस फैलाने में मददगार होती है। कोई भी काम करने के बाद हाथों का न धोना, नाखूनों का गंदा होना, गंदे बर्तनों में खाना पकाना या खाना, सब्जियों और फलों को बिना धुले खाना आदि से भी संक्रमण हो सकता है।
वायरल हो जाए तो क्या करें
-नमक वाले गुनगुने पानी से गरारे करें।
-ज्यादा खट्टे फलों का सेवन न करें।
-पानी अधिक लें। विटामिन सी वाली चीजें लें।
-पौष्टिक और संतुलित आहार लें।
-गर्म सब्जियों का सूप, खिचड़ी, दलिया और रसदार सब्जियों का भरपूर सेवन करें।
-अदरक व शहद वाली चाय लें।
-च्यवनप्राश का सेवन करें।
-शहद व गुड़ का प्रयोग करें।
-तुलसी पत्र को प्रातःखाली पेट पानी के साथ निगल लें।
-गर्म दूध में चुटकी भर हल्दी रात्रि में सोने से पहले ले सकते हैं। लाभ मिलेगा।
ताकि स्वयं को बचा सकें वायरल की चपेट से
-मौसम के अनुसार पूरे वस्त्र पहनें।
-खाली पेट बाहर न निकलें। खाली पेट रहने से शरीर में कमजोरी आती है और संक्रमण का प्रभाव जल्दी होता है।
-खांसी और जुकाम होने पर रूमाल का प्रयोग करें। अगर आसपास कोई खांस रहा है तो आप रूमाल अपने मुंह पर रख लें।
-खाना मौसम के अनुसार लें। अगर बाहर खाएं तो सफाई का पूरा ध्यान रखें।
-ठंडे खाद्य पदार्थों से परहेज रखें।
-बदलते मौसम में फ्रिज का पानी न पिएं।
-डब्ल्यू एच ओ साल में दो बार एंटी-फ्लू वैक्सीन निकालता है, सितंबर और मार्च में। 6 महीने तक के छोटे बच्चों को साल में दो बार टीका लगवाएं। छः माह से बड़े बच्चों और बुजुर्गों को भी यह टीका लगवाया जा सकता है।
कनाडा अमेरिकी आयात शुल्कों का जवाब जवाबी उपायों से देगा : कार्नी
ओटावा, 03 अप्रैल (ऐजेंसी/अशोका एक्स्प्रेस)। कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने कहा कि द…