एकीकृत स्वास्थ्य अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए समझौता
नई दिल्ली, 11 मई (ऐजेंसी/अशोका एक्स्प्रेस)। आयुष मंत्रालय ने आयुष क्षेत्र में अनुसंधान को प्रोत्साहन देने के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया की उपस्थिति में गुरुवार को यहां किए गए इस समझौता ज्ञापन से आयुष क्षेत्र में तथ्य आधारित अनुसंधान को प्रोत्साहन मिलेगा। इससे भारतीय चिकित्सा पद्धतियों और चिकित्सा प्रक्रियाओं पर विश्वसनीयता और भरोसा बढ़ेगा।
यह समझौता ज्ञापन आयुष शोधकर्ताओं के प्रशिक्षण के माध्यम से अनुसंधान क्षमता को भी मजबूत करेगा। समझौता ज्ञापन पर आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा, और आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने समझौता ज्ञापन पत्र हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार, नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल भी मौजूद थे।
श्री सोनोवाल ने इस अवसर पर कहा, “आईसीएमआर के सहयोग से आज आयुष और स्वास्थ्य मंत्रालय दोनों ने इस दिशा में एक बहुत दूरगामी कदम उठाया है।” उन्होंने कहा कि हमारी पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली के सामने वैज्ञानिक साक्ष्य उत्पन्न करने की एक बड़ी चुनौती है। एकीकृत चिकित्सा में अनुसंधान सहयोग इस चुनौती का समाधान प्रदान करने और लोगों का विश्वास जीतने की दिशा में एक और कदम है। निकट सहयोग से बड़े पैमाने पर जनता लाभान्वित होगी।
श्री मांडविया ने कहा, “आयुर्वेद हमारी सदियों पुरानी ज्ञान प्रणाली, हमारी विरासत है। आधुनिक चिकित्सा ने अपनी एक अलग पहचान बना ली है। दोनों प्रणालियों के बीच यह समझौता ज्ञापन पारंपरिक ज्ञान को एक जगह बनाने में मदद करेगा। इस एमओयू के जरिए हम आयुर्वेद को साक्ष्य आधारित विज्ञान के रूप में और विकसित कर सकेंगे। यह एमओयू दवाओं की आयुष प्रणाली को समृद्ध करने में बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा।”
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