Home देश-दुनिया पूरण कुमार की मौत दलितों के सम्मान का मामला है; प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री तुरंत कार्रवाई करें : राहुल

पूरण कुमार की मौत दलितों के सम्मान का मामला है; प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री तुरंत कार्रवाई करें : राहुल

चंडीगढ़/नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (ऐजेंसी/अशोका एक्स्प्रेस)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि हरियाणा के पुलिस अधिकारी वाई पूरण कुमार की मौत एक परिवार के सम्मान का मामला नहीं है, बल्कि यह सभी दलितों के सम्मान का मामला है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मामले में तत्काल कार्रवाई करने को कहा और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों को गिरफ्तार करने की मांग की।

पिछले हफ्ते चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर मृत पाए गए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के परिवार से मिलने के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए गांधी ने कहा कि कुमार का मनोबल तोड़ने और उनके करियर को नुकसान पहुंचाने के लिए उनके साथ सुनियोजित भेदभाव किया जाता रहा। आईपीएस अधिकारी के शरीर पर गोली लगने के निशान थे।

उनकी यह टिप्पणी राज्य सरकार द्वारा सोमवार देर रात राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर को छुट्टी पर भेजे जाने के कुछ घंटों बाद आई है। इससे पहले सरकार ने रोहतक के पूर्व पुलिस अधीक्षक (एसपी) नरेंद्र बिजारणिया का तबादला कर दिया था।

कुमार (52) ने कथित तौर पर आठ पन्नों का अंतिम नोट छोड़ा था जिसमें हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और अब स्थानांतरित रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारणिया सहित आठ वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों पर ‘‘जाति-आधारित भेदभाव, लक्षित मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान और अत्याचार’’ का आरोप लगाया गया है।

गांधी सुबह कुमार की पत्नी एवं हरियाणा की वरिष्ठ नौकरशाह अमनीत पी. कुमार, उनकी दो बेटियों और परिवार के अन्य सदस्यों से मिलने चंडीगढ़ पहुंचे और अंतिम संस्कार पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष के नेता के तौर पर मेरा प्रधानमंत्री और हरियाणा के मुख्यमंत्री को संदेश है कि आपने इन दोनों बेटियों से जो वादा किया है उसे पूरा करें और उनके पिता का अंतिम संस्कार होने दें और यह ‘तमाशा’ बंद करें।’’

परिवार ने अब तक पोस्टमार्टम की अनुमति नहीं दी है। उन्होंने कहा कि ‘‘… इस परिवार पर दबाव खत्म करें’’ नोट में जिन अधिकारियों का जिक्र है उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। गांधी ने कहा, ‘‘आप उन्हें गिरफ्तार करें।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या परिवार ने पोस्टमार्टम के लिए सहमति दी है, उन्होंने कहा कि परिवार एक सीधा-सा संदेश दे रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘और यह सही भी है। वे कह रहे हैं कि उन्हें सम्मान चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री ने स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच का अपना वादा पूरा नहीं किया है।

गांधी ने कहा, ‘‘एक दुखद घटना हुई है। वह एक सरकारी अधिकारी थे और मुख्यमंत्री ने परिवार को व्यक्तिगत रूप से आश्वासन दिया था कि स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच होगी और मामले में कार्रवाई शुरू की जाएगी।’’

लगभग एक घंटे तक परिवार के साथ रहे पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यह स्पष्ट है कि यह मामला 10 या 15 दिन का नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘कई साल से अधिकारी का मनोबल गिराने, उनके करियर और उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए सुनियोजित भेदभाव किया जा रहा था।’’

कांग्रेस नेता ने कहा कि यह केवल एक परिवार का मामला नहीं है, बल्कि हर दलित भाई-बहन के सम्मान का मामला है। गांधी ने कहा, ‘‘दलित भाइयों और बहनों को गलत संदेश दिया जा रहा है… कि आप चाहे कितने भी सफल क्यों न हो जाएं, अगर आप दलित हैं तो आपको दबाया और कुचला जा सकता है। यह हमें स्वीकार्य नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि कुमार का करियर खत्म करने की कोशिश की गई, जिसके कारण उन्होंने अपनी जान दे दी। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘उनके निधन के बाद उन्हें सम्मान दें। अगर आप सम्मान नहीं देंगे, तो यह हमें स्वीकार्य नहीं है।’’

कुमार 2001 बैच के अधिकारी थे। उन्हें अधिकारियों के अधिकारों, वरिष्ठता और अन्य मुद्दों से जुड़े मामलों में अपने हस्तक्षेप के लिए जाना जाता था। वह हाल में रोहतक के सुनारिया स्थित पुलिस प्रशिक्षण केंद्र (पीटीसी) में महानिरीक्षक के पद पर तैनात हुए थे।

उनकी पत्नी हरियाणा सरकार के विदेश सहयोग विभाग की आयुक्त एवं सचिव हैं। सात अक्टूबर को कुमार अपने घर में मृत पाए गए थे और घटना के वक्त वह मुख्यमंत्री के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल के साथ जापान में थीं।

गांधी ने एक ‘‘झूठे मामले’’ का भी ज़िक्र किया। गांधी का संकेत रोहतक में एक शराब ठेकेदार द्वारा पुलिस कांस्टेबल के खिलाफ रिश्वतखोरी का मामला दर्ज कराने की ओर था, जिसमें ठेकेदार ने आरोप लगाया कि हेड कांस्टेबल सुशील कुमार ने पूरण कुमार के नाम पर 2.5 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी (जब वह वहां तैनात थे)। सुशील कुमार को हाल में गिरफ्तार किया गया था।

 

 

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